दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, सर्दियों की शुरुआत के साथ जहरीली हुई हवा, 300 से ऊपर पहुंचा AQI

सर्दी के मौसम के दस्तक देते ही दिल्ली की हवा एक बार फिर ज़हरीली होने लगी है। जैसे-जैसे तापमान गिर रहा है, राजधानी का वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर की ओर बढ़ता जा रहा है। इस बार अक्टूबर खत्म होने से पहले ही दिल्ली और एनसीआर की हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा तेजी से बढ़ी है। शनिवार सुबह ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार चला गया, जबकि कई स्थानों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है।

राजधानी के कई इलाके ‘रेड जोन’ में पहुंचे

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को दिल्ली के आनंद विहार इलाके में AQI 412 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर श्रेणी’ (Severe Category) में आता है। वहीं, चांदनी चौक में AQI 315, शादीपुर में 328, वजीरपुर में 332, और बवाना में 322 रहा। ये सभी इलाके अब रेड जोन में पहुंच चुके हैं।

दिल्ली के अन्य इलाकों में भी स्थिति बेहतर नहीं है
• अशोक विहार: 281
• अलीपुर: 292
• बुराड़ी: 288
• द्वारका: 271
• मुंडका: 273
• नरेला: 264
• आरके पुरम: 265
• पटपड़गंज: 262
• पंजाबी बाग: 300

इन आंकड़ों से साफ है कि राजधानी के लगभग हर हिस्से में हवा अब ‘खराब से बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच चुकी है।

दिल्ली में लागू हुआ GRAP-2, प्रशासन ने बढ़ाई सख्ती

प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली प्रशासन ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP)-2 लागू कर दिया है। इसके तहत निर्माण कार्यों पर पाबंदी, पानी के छिड़काव, सड़कों की सफाई और धूल नियंत्रण जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।

नगर निगम और पर्यावरण विभाग की टीमें सुबह से ही कई जगहों पर स्प्रिंकलर मशीनों से पानी का छिड़काव कर रही हैं ताकि हवा में मौजूद धूलकणों को कम किया जा सके। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपाय केवल अस्थायी राहत देते हैं, जबकि असली जरूरत प्रदूषण के स्रोतों — जैसे वाहनों, उद्योगों और पराली जलाने — पर लगाम लगाने की है।

अब होगी कृत्रिम बारिश, सरकार तैयार कर रही प्रयोग

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार ने कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) करवाने की योजना बनाई है। इस प्रक्रिया से हवा में मौजूद जहरीले कण नीचे गिर जाते हैं और प्रदूषण का स्तर कुछ दिनों के लिए घट जाता है।
मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि 28 से 30 अक्टूबर के बीच दिल्ली के आसमान में बादलों की उपस्थिति की संभावना है। ऐसे में, अनुकूल मौसम को देखते हुए 29 अक्टूबर को कृत्रिम बारिश का प्रयास किया जा सकता है। इसके लिए तकनीकी परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं, और यदि मौसम सहयोग करता है तो यह दिल्ली की पहली आधिकारिक कृत्रिम वर्षा होगी।

सांसों पर संकट, बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे खतरनाक हालात

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की मौजूदा हवा फेफड़ों के लिए अत्यंत हानिकारक है। 300 से ऊपर का AQI स्तर “बहुत खराब” और 400 से ऊपर “गंभीर” माना जाता है। ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है। डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि लोग सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें, और यदि जरूरी हो तो एन-95 मास्क का इस्तेमाल करें। साथ ही, घरों में एयर प्यूरीफायर चलाना और पौधे लगाना भी कुछ हद तक राहत दे सकता है।