इंदौर में अधिकारियों की अदूरदर्शीता का नमुना BRTS बन गया है। जिसे बनाते समय अधिकारियों ने जहां अपनी मनमर्जी दिखाई यहीं अब इसके बाद भी यह 12 वर्षों बाद तक भी इंदौर की जनता के लिए परेशानी का ही सबब बना हुआ है। बीआरटीएस हटाने के लिए जितना जोर लगाया गया था, उतनी ही ढील उसकी रैलिंग हटाने में दी जा रही है। नगर निगम को रैलिंग हटाने के लिए एजेंसी नहीं मिल रही, लेकिन रोड को फिर से बनाने की तैयारी हो चुकी है। कंसल्टेंट ने इसके लिए डिजाइन भी तैयार कर दी है। बताया जा रहा है कि अब इसे 100 फीट चौड़ा बनाने में वापस 90 करोड़ रुपए खर्च होगा। सूत्रों के अनुसार, बीआरटीएस पर सेंट्रल डिवाइडर बनाने व अन्य काम के लिए एजेंसी भी फाइनल हो गई। बीआरटीएस से रैलिंग और कांकीट बीम हटाने के बाद यहां सेंट्रल डिवाइडर बनाया जाएगा। इसमें करीब 14 करोड़ खर्च होने हैं।
100 फीट चौड़ा होगा BRTS
निगम ने एक और सर्वे करवाया है, जिसमें बीआरटीएस को 100 फीट चौड़ा किया जाना है। इससे पूरा एबी रोड एक समान हो जाएगा। इसके निर्माण के लिए स्ट्रीट लाइट, स्टॉर्म वाटर लाइन शिफ्टिंग आदि कार्य किए जाने हैं। प्राथमिक सर्वे के अनुसार, इसमें करीब 90 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह काम स्मार्ट सिटी से कराने का फैसला लिया गया है।
पानी में बह रहा पैसा
नगर निगम और प्रशासन के अधिकारियों की अदुरदर्शीता का खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। इंदौर में निगम के द्वारा जनता के टैक्स के रुपयो को लापरवाही करके पानी में बहाया जा रहा है। यहां पर टैक्स के पैसों का निगम सरकार द्वारा जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। इसके बाद भी आम जन को हर रोज ट्रैफिक जाम की मार झेलनी पड़ रही है। मालूम हो, निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा चौराहा तक करीब 11 किलोमीटर में बने बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाने के लिए चार महीने पहले कोर्ट ने आदेश दिया था, लेकिन कोई ठोस काम शुरू नहीं हुआ है। निगम ने इसके लिए तीन बार टेंडर जारी किए हैं।
एक समान होगी एबी रोड की चौड़ाई
बीआरटीएस पर सेंट्रल डिवाइडर से सड़क को करीब 100 फीट चौड़ा किया जाएगा। शहर के कुछ हिस्सों में बॉटलनेक के कारण ट्रैफिक जाम होता है। पूरे मार्ग की चौड़ाई एक समान होने से ट्रैफिक सुगम होगा। सड़क चौड़ीकरण के लिए स्ट्रीट लाइट पोल और स्टॉर्म वाटर पाइप लाइन शिफ्ट करनी पड़ेगी। इसके निर्माण में करीब 90 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
विदेश की तर्ज पर बनाया BRTS, अब फेल साबित
बीआरटीएस के निर्माण के वक्त तत्कालीन अफसरों ने दावा किया था कि कोलंबिया के बगोटा शहर के बीआरटीएस मॉडल को इंदौर में लागू किया जाएगा। इंदौर के अधिकारी उस मॉडल को देखने गए थे और उसी आधार पर निर्माण की योजना तैयार की थी। करीब 12 साल बाद अब इस बीआरटीएस को हटाने का फैसला लिया गया है। निर्माण के समय से ही कुछ लोगों ने बीआरटीएस का विरोध किया था।