प्रतिबंधित BRTS lane पर भाजपाइयों की रैली

स्वतंत्र समय, इंदौर

मुख्यमंत्री मोहन यादव के इंदौर बीआरटीएस ( BRTS lane ) को हटाने की घोषणा करने के चौथे दिन ही भाजपाइयों ने प्रतिबंधित रास्ते पर वाहन रैली निकाली। इसके चलते बसों को बीआरटीएस छोडक़र अन्य वाहनों के साथ चलना पड़ा। देवास नाका से राजीव गांधी चौराहे तक 11.5 किमी लंबे बीआरटीएस पर केवल आई बस और एम्बुलेंस ही चल सकती है।
दरअसल रविवार को इंदौर में भाजपा ने संविधान गौरव यात्रा निकाली।

विजय नगर से राजीव गांधी चौराहे तक रैली BRTS lane से निकाली

यह यात्रा विजय नगर से महू तक जाना प्रस्तावित थी। विजय नगर से राजीव गांधी चौराहे तक यह यात्रा बीआरटीएस बस लेन ( BRTS lane ) पर निकाली गई। इससे आई बस को सामान्य वाहनों की लेन में चलना पड़ा। बस स्टेशनों पर इंतजार कर रहे यात्रियों को भी इससे असुविधा हुई। भारतीय जनता पार्टी अजा मोर्चा की यात्रा बलजीत सिंह चौहान की अगुवाई में विजय नगर से यह यात्रा निकाली गई। वाहनों पर तिरंगे झंडे लगे थे। पूरी बस लेन में कारों का ही काफिला नजर आने लगा। यह यात्रा महू के वेटरनरी कॉलेज पर समाप्त हुई। आयोजकों का कहना है कि, हमने यात्रा के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी, हालांकि बस लेन से वाहन ले जाने को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ट्रैफिक डीसीपी अरविंद तिवारी ने बताया कि, अनुमति किस मार्ग की थी। हम पता करवा रहे हैं।

11.45 किमी तक कोई रोक-टोक नहीं

यह पूरा कॉरिडोर 11.45 किमी. का है। इस दौरान विजयनगर थाना से लेकर पलासिया तक कई थाने रास्ते में आते हैं। साथ ही कॉरिडोर को संभालने के ट्रैफिक जवान भी रहते हैं। लेकिन मजाल है कि किसी ने भी यात्रा को टोक दिया हो। यात्रा राजीव गांधी चौक पर कॉरिडोर के अंतिम स्टेशन को पार कर वेटनरी कॉलेज में पहुंचकर खत्म हुई।

प्रशासन से लेकर ट्रैफिक डीसीपी सब चुप

इस मामले में आयोजक कह रहे हैं कि यात्रा की मंजूरी ली गई थी लेकिन कॉरिडोर से निकलने की मंजूरी पर चुप हैं। डीसीपी अरविंद तिवारी को मार्ग की जानकारी नहीं है। वहीं कॉरिडोर से बिना कोर्ट की मंजूरी से अन्य वाहन गुजर ही नहीं सकता है।

विधायक पुत्र भी मचा चुके हैं भौकाल

बीआरटीएस से अंदर निकलना रसूखदारों का शौक रहा है। हाल ही में बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला के पुत्र रूद्र भी हूटर लगी अपनी करोड़ों रुपए की कार से बीआरटीएस कॉरिडोर से निकाले थे। यह भौकाल उन्होंने अपने कुछ अन्य मित्रों को दिखाने के लिए मचाया था, जिसमें अन्य कारों का काफिला भी शामिल था। उस समय भी अधिकारी यह बोलकर चुप हो गए थे कि हमारे कैमरे नहीं चल रहे हैं, नहीं तो हम चालान बना देते । अब अधिकारी क्या चालान बनाएंगे, क्योंकि फोटो हैं और साथ ही कई कारों के नंबर भी इन फोटो में साफ तौर पर दिख रहे हैं।