राज्यों के साथ budget में भेदभाव लोस और रास में हुई किचकिच

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

संसद में बुधवार को मानसून सत्र का तीसरा दिन था। मंगलवार को वित्त मंत्री ने बजट ( budget ) पेश किया था। बुधवार को सुबह सदन शुरू होने से पहले विपक्ष के नेताओं ने संसद के बाहर केंद्र सरकार के बजट के विरोध में प्रदर्शन किया। इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने कहा- इस बजट से 90 प्रतिशत देश गायब है। सिर्फ बिहार और आंध्र प्रदेश को खुश किया गया है, क्योंकि यहां के मुख्यमंत्रियों के भरोसे केंद्र की सरकार चल रही है।

यह मोदी सरकार बचाओ budget है : खरगे

यह मोदी सरकार बचाओ बजट है। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन में भी बजट को लेकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल में राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ शेम-शेम का नारा लगाते हुए सदन से बाहर चले गए। विपक्ष द्वारा बजट को भेदभाव वाला बताने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बजट में सभी राज्यों का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेता जानबूझकर ऐसे आरोप लगा रहे हैं, ताकि लोगों को लगे कि उनके राज्य को कुछ नहीं मिला। यह ठीक नहीं है।

माताजी बोलने में एक्सपर्ट हैं: खडग़े

चर्चा के दौरान राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने सभापति से कहा- माताजी (वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) बोलने में एक्सपर्ट हैं। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ बोले- वो माताजी नहीं, आपकी बेटी की उम्र के बराबर हैं। वहीं, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही है। लोकसभा और राज्यसभा में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है। सांसद से बिरला बोले- स्पीकर जब बोलेगा, सच बोलेगा, लोकसभा में बजट पर बहस के दौरान स्पीकर ओम बिरला और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी में भी वाद-विवाद हुआ। अभिषेक ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि बिल किसानों, किसान संगठन या विपक्षी दलों की सलाह लिए बिना ही पास कर दिए।