Budh Ast 2024: 12 अगस्त से बुध ग्रह के अस्त होने के कारण कुछ राशियों के लिए चुनौतियाँ और परेशानियाँ बढ़ सकती हैं। ज्योतिष में बुध को बुद्धिमत्ता, संवाद और व्यापार का कारक माना जाता है। जब यह ग्रह अस्त होता है, तो इसके प्रभाव से इन क्षेत्रों में बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। आमतौर पर, यह समस्या मिथुन, कन्या, मीन और धनु राशियों के लिए अधिक हो सकती है।
बुध ग्रह को ज्योतिष में बुद्धि, संवाद, व्यापार, लेखन, गणना, और तर्क का प्रतीक माना जाता है। जब बुध ग्रह अस्त होता है, तो इन क्षेत्रों में कठिनाइयाँ आ सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र में, ग्रहों का अस्त होना (यानी उनका अस्तंगत या कमजोर होना) महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है। जब कोई ग्रह अस्त होता है, तो उसका प्रभाव कमजोर या कम हो जाता है, जिससे संबंधित क्षेत्रों में बाधाएँ और समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। बुध ग्रह के अस्त होने का भी विशिष्ट महत्व है।
बुध के अस्त का अवधि
बुध ग्रह का अस्त समय-समय पर होता है, और यह अवधि ज्योतिषीय गणनाओं पर निर्भर करती है। यह स्थिति कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक बनी रह सकती है। इस दौरान, बुध से संबंधित कार्यों में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। बुध ग्रह के अस्त होने के दौरान, ध्यान, योग, और पूजा-पाठ करना सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, महत्वपूर्ण निर्णयों को टालना, धैर्य रखना, और गलतफहमियों से बचने के लिए संवाद में स्पष्टता बनाए रखना लाभदायक हो सकता है।
इन राशियों की बढ़ेगी परेशानीयां
मिथुन : मानसिक तनाव और भ्रम की स्थिति हो सकती है। वाणी और संवाद में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
कन्या : स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। कार्यस्थल पर भी चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ आ सकती हैं।
मीन : आर्थिक मामलों में सावधानी बरतें, गलत निर्णय लेने की संभावना बढ़ सकती है।
धनु : व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में संघर्ष बढ़ सकते हैं।