बुराड़ी में सफल हुआ परीक्षण, दिल्ली में इस तारीख को होगी कृत्रिम बारिश

दिल्ली की बढ़ती वायु प्रदूषण समस्या के बीच एक सकारात्मक खबर आई है। गुरुवार को दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग की परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जो आगामी 28 से 30 अक्टूबर के कृत्रिम वर्षा अभियान का अहम हिस्सा है। यह परीक्षण दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग और IIT कानपुर के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया। उड़ान के दौरान विमान, क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स और संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय की तैयारियों का सफल परीक्षण किया गया।

पर्यावरण मंत्री का बयान और सफलता का जश्न

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इस पहल के लिए आवश्यक अनुमतियां समय पर प्राप्त हुईं और तकनीकी परीक्षण पूरी तरह सफल रहे। उन्होंने बताया कि फ्लेयर टेस्ट, फिटमेंट जांच और समन्वय प्रोटोकॉल पूरी तरह से सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं, जो आगे की उड़ानों के लिए अच्छा संकेत है।

उड़ान का मार्ग और परीक्षण की विशेषताएं

परीक्षण उड़ान IIT कानपुर हवाई पट्टी से शुरू होकर कानपुर, मेरठ, खेकरा, बुरारी, सड़कपुर, भोजपुर और अलीगढ़ के रास्ते से गुजरी। खेकरा और बुरारी के बीच क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स सफलतापूर्वक छोड़े गए। इस दौरान विमान की कार्यक्षमता, उपकरणों की स्थिरता और सुरक्षा प्रोटोकॉल का भी पूर्ण मूल्यांकन किया गया।

दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग की तैयारी

सिरसा ने बताया कि दिल्ली अब पहली बार कृत्रिम वर्षा का अनुभव करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सभी तकनीकी और पर्यावरण निगरानी प्रणाली पूरी तरह से सेटअप हो चुकी हैं। बस अब उपयुक्त बादलों का इंतजार है, जो 28 से 30 अक्टूबर के बीच इस प्रयास को सफल बनाएंगे।

बादलों की स्थिति और फ्लेयर्स का परीक्षण

पायलट की रिपोर्ट और Windy प्रोफेशनल सिस्टम के अनुसार, उस दिन दिल्ली के आसमान में ज्यादा बादल नहीं थे। बुरारी के पास दो छोटे बादलों के क्षेत्र चिन्हित किए गए जहां फ्लेयर्स को सफलतापूर्वक फायर किया गया। इस प्रक्रिया ने विमान और उपकरणों की संचालन क्षमता को प्रमाणित किया।

क्लाउड सीडिंग तकनीक का परिचय

उड़ान में उपयोग की गई पाइरो विधि के तहत, विशेष फ्लेयर्स जिनमें सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड होते हैं, विमान से छोड़े गए। ये यौगिक वातावरण में नमी होने पर संघनन प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं जिससे बादल बनते हैं और वर्षा की संभावना बढ़ती है।

प्रदूषण नियंत्रण में वैज्ञानिक कदम

यह परीक्षण उड़ान दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा वैज्ञानिक मील का पत्थर है। सभी तकनीकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और दिल्ली आगामी कृत्रिम वर्षा अभियान के लिए पूरी तरह तैयार है। मंत्री सिरसा ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली की विज्ञान और नवाचार को अपनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आगे भी पर्यावरण विभाग IIT कानपुर और विमानन प्राधिकरणों के साथ मिलकर निगरानी और समन्वय जारी रखेगा।