इंदौर की मशहूर 56 दुकान पर अब गाड़ी पार्क करना सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि एक खर्चीला सौदा बन गया है! अगर आप जंजीरवाला चौराहे से 56 दुकान की ओर गाड़ी ले जा रहे हैं और सड़क किनारे वाहन खड़ा करते हैं, तो अब आपकी जेब पर डाका पड़ सकता है। क्योंकि नगर निगम ने सड़क पर खड़े वाहनों से भी पार्किंग शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। लेकिन शायद नगर निगम यह भूल गया है कि यदि स्मार्ट सिटी के नाम से इसी तरह जनता से वसूली की जाती रही तो इंदौर सिटी स्मार्ट बनते- बनते आम जनता के रहने के लिए नहीं बचेगी। नगर निगम कुछ दिनों में शायद सांस लेने पर भी टेक्स ना लगा दे ऐसा भय भी अब जनता तो सताने लगा है।
स्मार्ट सिटी, स्मार्ट चार्ज
स्मार्ट सिटी कंपनी ने पार्किंग शुल्क वसूली का ठेका 31.50 लाख रुपये में एक निजी कंपनी को दे डाला है। यानी अब 56 दुकान पर सिर्फ खाना ही नहीं, गाड़ी खड़ी करना भी ‘प्रीमियम एक्सपीरियंस’ हो गया है।
व्यापारियों की चिंता, महापौर का जवाब
व्यापारियों ने शनिवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव से गुहार लगाई है कि “साहब, ऐसा मत कीजिए, हमारा धंधा ठप हो जाएगा!” लेकिन महापौर ने स्पष्ट कहा, “बड़े शहरों में ऐसा होता है, अब इंदौर भी इसमें पीछे क्यों रहे?” हालांकि, दुकानदारों ने भी हार नहीं मानी। उन्होंने चालाकी दिखाते हुए ऐलान किया है कि “100 रुपये की खरीदारी पर 10 रुपये का पार्किंग डिस्काउंट फ्री!” मतलब स्वाद के साथ थोड़ा सा राहत देने का फिलहाल तो व्यापारियों ने प्रयास किया है लेकिन यह सीधे जनता से वसूल करने जैसा हो रहा है। एक शहर में कितने टैक्स लगाएं जाएंगे। यदि जनता टैक्स हर जगह टैक्स देंगी तो उनका घर कैसे चलाएंगी।
कहां लग रहा है कितना चार्ज?
यहां दोपहिया के ₹10 और चारपहिया (सड़क पर पार्किंग): ₹30 रूपए लग रही है। इतना ही नहीं और आश्चर्य चकित तो यह लगता है कि दो पहिया वाहन चालकों से वसूली और चार पहिया वाहन चालक को छूट देने जैसे बयान भी निगम के एक अधिकारी ने दिए है। स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह का कहना है कि सड़क किनारे खड़ी कारों से शुल्क वसूली पर फिलहाल ब्रेक लगाया गया है, लेकिन आगे क्या होगा, ये तो नियम तय करेंगे
एमजी रोड पर बढ़ेगा ट्रैफिक
पार्किंग चार्ज से बचने के लिए लोग अब एमजी रोड की ओर रुख कर सकते हैं, जहां अभी कोई चार्ज नहीं लग रहा। इससे ट्रैफिक का नया सिरदर्द बनने की पूरी आशंका है। लेकिन नगर निगम को जनता की सुविधा से बढ़कर शायद वसूली ज्यादा प्रसंद आ रही है।
निगम पर कौन लगाएंगा जुर्माना
इंदौर नगर निगम आए दिन नए-नए फरमान जारी करता है लेकिन शहरवासियों को सुविधाएं देना का कोई साधन लागू नहीं किया है। शहर का हर एक आदमी तमाम तरह के टैक्स भर रहा है लेकिन उसको उस टैक्स की तमाम सुविधाएं नहीं मिल रही है। मल्टीलेवल पार्किंग अब भी शहर का सपना ही बना हुआ है। नियम एक तरफ, सुविधा दूसरी तरफ होना चाहिए। यह कहानी सिर्फ पार्किंग की नहीं, इंदौर के बदलते चेहरे की भी है। जहां स्मार्टनेस का टैग तो है, पर व्यवस्था अभी भी “वर्क इन प्रोग्रेस” है।