राजेश राठौर, भोपाल
जिस तरह से सरकार के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने इंडस्ट्री का प्लैन टेकऑफ किया है, यदि यह सक्सेस हो गया तो डॉ. यादव बिजनेस इंडस्ट्रीज के टायकून बन जाएंगे। उद्योगपतियों को बुलाने की बजाय उनके दरवाजे पर जाकर मध्यप्रदेश आने के पीले चावल देने की शुरूआत तो अच्छी दिख रही है। आने वाले समय में डॉ. यादव देश के हर राज्य में एमपी में इंडस्ट्रीज लगाने के पीले चावल बांटते देखे जाएंगे।
CM Mohan Yadav की टीम का सीना 56 इंच का हो गया
कोयम्बटूर में छह महीने के नए नवेले मुख्यमंत्री ( CM Mohan Yadav ) को जो रिस्पांस मिला, उससे न केवल डॉ. यादव बल्कि, उनकी टीम के अफसरों के भी सीने 56 इंच के हो गए हैं। डेढ़ दिन तक कोयम्बटूर में रहने के दौरान लगभग हजार लोगों से हुई मुलाकात, जिसमें न केवल मुलाकात हुई, बल्कि हाथों-हाथ इंडस्ट्री लगाने की बात भी पक्की हो गई। अगला पड़ाव डॉ. यादव का बैंगलुरु में होगा। ऐसा करते-करते हर महीने देश के सभी राज्यों के बड़े शहरों की परिक्रमा डॉ. यादव पूरी कर लेंगे।
उद्योगपतियों से मुलाकात के साथ बात पक्की
टेस्ट मैच की बजाय टी-20 मैच की तरह हाथों हाथ मुलाकात के साथ बात पक्की होने से इनवेस्टर के इंट्रेस्ट को पूरा करने में डॉ. यादव को अब आनंद आ रहा है। पहले अकेले इंदौर में होने वाली इंवेस्टर्स समिट इवेंट बनकर रह गई थी। जिसमें गुंडे-बदमाश से लेकर भू-माफिया तक शामिल हो जाते थे। हमेशा खाना कम पड़ जाता था। अब उस रवैये को बदलकर हर संभाग में हो रही इनवेस्टर समिट के नतीजे ज्यादा अच्छे आ रहे हैं। पूरे प्रदेश में इस कारण इंडस्ट्रियां लगना शुरू हो जाएंगी। क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार के मौके भी मिल जाएंगे। डॉ. मोहन यादव का मानना है कि प्रदेश में हर तरह की इंडस्ट्री लगना चाहिए। इसके अलावा हर जिले में इंडस्ट्री लगने से युवाओं का पलायन भी रुकेगा। हर संभाग में इनवेस्टर समिट होने के कारण 100-50 करोड़ रुपए वाली इंडस्ट्रियां ज्यादा लगेंगी तो उसके परिणाम भी बेहतर आएंगे। अब देखना है कि अगले एक साल में वास्तव में कितनी इंडस्ट्रियां शुरू हो जाएंगी।