Cabinet Meeting Decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नए साल के पहले दिन हुई कैबिनेट बैठक में किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। खासतौर पर डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन देने के लिए एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी गई है।
इस पैकेज के तहत:
• सरकार कंपनियों को सब्सिडी के साथ अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
• यह सहायता किसानों को डीएपी उर्वरक की उपलब्धता और किफायती दाम सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दी जाएगी।
• यह पैकेज 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा।
इस निर्णय से किसानों की खेती में उपयोग होने वाले उर्वरक की लागत घटने और कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे उर्वरक कंपनियों को स्थिरता मिलेगी और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
भारत में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक की बड़ी मांग को पूरा करने के लिए चीन, सऊदी अरब, और मोरक्को जैसे देशों से आयात पर निर्भरता है। हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे डीएपी की उत्पादन लागत में इजाफा हुआ है।
इसी स्थिति को देखते हुए, सरकार ने किसानों को राहत प्रदान करने के लिए:
• सब्सिडी बढ़ाने और
• कंपनियों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है।
यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि बढ़ी हुई लागत के बावजूद किसानों पर इसका बोझ कम रहेगा, और उन्हें उर्वरक सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी। इससे कृषि उत्पादकता बनाए रखने में मदद मिलेगी और खेती की लागत कम होगी।
सरकार का यह निर्णय न केवल किसानों के हित में है बल्कि उर्वरक उद्योग को भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे आयात पर निर्भरता को कम करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।
कैबिनेट की इस अहम बैठक में फसल बीमा योजना को किसानों के लिए अधिक आकर्षक और उपयोगी बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इसके तहत:
नई पहल और सुधार:
1. सरल प्रक्रिया:
• फसल बीमा कराने की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल किया जाएगा।
• किसानों को आसानी से बीमा के लाभ मिलें, इसके लिए नियमों को सरल बनाया जाएगा।
2. सस्ती दरें:
• प्रीमियम दरों को कम किया जाएगा, ताकि छोटे और सीमांत किसान भी आसानी से अपनी फसलों का बीमा करा सकें।
3. तेजी से मुआवजा:
• प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का मुआवजा किसानों को समय पर और तेज़ी से प्रदान किया जाएगा।
• डिजिटल क्लेम सेटलमेंट प्रणाली लागू की जाएगी।
उद्देश्य:
यह कदम किसानों को खराब मौसम, बाढ़, सूखा, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
• फसल बीमा योजना में इन सुधारों से किसान न केवल अपनी फसलों को सुरक्षित कर पाएंगे, बल्कि खेती के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ेगा।
यह निर्णय कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।