इंदौर शहर में माहेश्वरी समाज की शान और सबसे पुरानी शिक्षण संस्था, आर.पी.एल. माहेश्वरी कॉलेज में विगत दिनों छात्रों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा मचाते हुए तोड़फोड़ की। इस दौरान स्कूल के ही छात्रों के समूह ने यहां के स्टॉफ के साथ भी दुर्व्यवहार किया। इस तरह का व्यवहार हर किसी शिक्षण संस्था के लिए असहनीय ही होता है। बावजूद इसके आर.पी.एल. माहेश्वरी कॉलेज प्रबंधन अपने स्कूल में पढ़ने वाले छात्रो के हित में सोचते हुए उन पर कोई कानुनी कार्रवाई नहीं कर रहा। लेकिन इस तरह से छात्रों का आखिर भड़का कौन रहा है। किस कारण से भड़का रहा है यह अब जांच का विषय जरूर बन गया है।
कई बड़े उद्योगपति ने की है यहां पढ़ाई
इंदौर का यह वही कॉलेज है, जहाँ से कई बड़े उद्योगपति पढ़कर निकले हैं, आज भी यह कॉलेज सबसे कम फीस में उच्च शिक्षा प्रदान करता है। ट्रस्ट के सेवाभावी निर्णय फलस्वरूप सभी समाज के युवाओं को आज भी न्यूनतम फीस पर में यहाँ उच्च शिक्षा मिलती है। प्रबंधन का मानना है कि जब ट्रस्ट ऐसे कार्यों के लिए संकल्पित है, तो विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए, न कि आंदोलन करके कॉलेज की छवि खराब करनी चाहिए। प्रबंधन के अनुसार, यह हंगामा छात्रों द्वारा सुविधाओं की मांग नहीं, बल्कि कॉलेज प्रबंधन समिति द्वारा की जा रही सुधारात्मक कार्रवाई और निष्पक्ष ऑडिट जांच को रोकने का एक प्रयास है।
कॉलेज ऑडिट रोकने का प्रयास
श्री माहेश्वरी विद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष पुरषोत्तमदास पसारी ने कहा कि “महाविद्यालय पूर्णतः पारमार्थिक उद्देश्यों से संचालित किया जा रहा है। पिछले दस वर्षों का ऑडिट कराया जा रहा है, जिसमें वित्तीय अनियमितताएँ सामने आई हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि इन अनियमितताओं को छिपाने के लिए ही विद्यार्थियों को भड़काया जा रहा है, ताकि वे आंदोलन करें और कॉलेज की संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं, जो ट्रस्ट को बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
जब मांगा जाता है रिकॉड तब होता है हंगामा
कॉलेज की शिक्षण समिति की सचिव, डॉ. वीणा सोनी ने कहा कि जब भी प्रबंधन द्वारा कॉलेज की व्यवस्थाओं में सुधार या रिकॉर्ड से संबंधित जानकारी मांगी जाती है, तो प्राचार्य और स्टाफ सहयोग नहीं करते। उन्होंने कहा, “इसी भड़काने वाले कृत्य से कॉलेज में ऐसा वातावरण बना कि एक महिला शिक्षिका बेहोश हो गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसके लिए आंदोलनकर्ता और उन्हें भड़काने वाले तत्व जिम्मेदार हैं।”
प्रबंधन ने यह भी बताया कि शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए निरंतर प्रयास जारी रहेंगे। छात्रों, स्टाफ और कॉलेज की संपत्ति की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन का सहयोग भी सुनिश्चित कर लिया गया है। प्रबंधन ने सभी से सहयोग की अपील की है।