इटली-अमेरिका से आए थे योग सीखने, भाया इंडियन कल्चर, उज्जैन में लिए सात फेरे

भारतीय संस्कृति का आकर्षण न केवल देशवासियों बल्कि विदेशियों को भी अपनी ओर खींचता है। इसकी झलक बनारस के गंगा तट से लेकर उज्जैन के महाकाल मंदिर तक देखी जा सकती है। हाल ही में उज्जैन स्थित परमानंद योग आश्रम में इटली, अमेरिका और पेरू से आए तीन जोड़ों ने भारतीय संस्कृति को समझने और अपनाने के बाद हिंदू परंपराओं के अनुसार विवाह किया।

योग सीखने आए विदेशी, भारतीय संस्कृति से हुए प्रभावित

इटली से डारियो और मार्टिना, अमेरिका से इअन और गेब्रियला तथा पेरू से मॉरजियो और नेल्मास योग प्रशिक्षण के लिए उज्जैन के परमानंद इंस्टीट्यूट ऑफ योगा साइंस एंड रिसर्च में आए थे। यहां योग के साथ-साथ उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी गहन परिचय कराया गया। आश्रम के प्रमुख डॉ. ओमानंद महाराज के अनुसार, भारतीय परंपराओं ने इन विदेशी जोड़ों को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने का निर्णय लिया।

हल्दी-मेहंदी और भक्ति-कीर्तन से हुई शुरुआत

योग गुरु से अपनी इच्छा व्यक्त करने के बाद आश्रम ने इनके विवाह की व्यवस्था की। शादी से पहले परमानंद योग आश्रम में इंदौर के निनोरा क्षेत्र में हल्दी, मेहंदी और भक्ति योग कीर्तन का आयोजन किया गया। दूल्हों ने सजी-धजी घोड़ियों पर बारात निकाली, जबकि दुल्हनें पारंपरिक परिधान में घूंघट ओढ़े बारात का इंतजार करती रहीं।

सात वचनों का अंग्रेजी अनुवाद और मर्म समझाया गया

भारतीय विवाह के संस्कारों को गहराई से समझाने के लिए दूल्हा-दुल्हन को सात वचनों का अंग्रेजी में अनुवाद कर उनका महत्व बताया गया। वेद मंत्रों के साथ विवाह संपन्न कराया गया। यह विवाह न केवल एक समारोह था, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई और मूल्यों को अपनाने का प्रतीक बन गया।

हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार बदले नाम

हिंदू परंपराओं का अनुसरण करते हुए विवाह से पहले इन विदेशी जोड़ों ने अपने नाम भी बदल लिए।

  • डारियो का नामकरण विष्णु आनंद, और मार्टिना को मां मंगलानंद नाम दिया गया।
  • इअन को आचार्य रामदास आनंद, और उनकी दुल्हन गेब्रियला को मां समानंद नाम मिला।
  • मॉरजियो का नाम प्रकाशानंद, जबकि उनकी दुल्हन नेल्मास को मां नित्यानंद नाम दिया गया।

विदेशी जोड़ों ने भारतीय विवाह की गहराई को सराहा

डॉ. ओमानंद महाराज ने बताया कि विदेशों में शादी को केवल एक अनुबंध के रूप में देखा जाता है, जबकि भारत में इसे एक गहरे संबंध और जीवन का हिस्सा माना जाता है। यह विचार इन जोड़ों को गहराई से प्रभावित कर गया।