शाहरुख बाबा/हरदा- ग्राम कनारदा में नहर चौपाल कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस चौपाल में रहटाखुर्द उपशाखा के ग्राम कनारदा, घुरगाडा, खारपा, सुल्तानपुर एवं झुन्डगांव के कृषक सम्मिलित हुए। चौपाल में यशवंत पटेल जनपद सदस्य, सरपंच विवके पटेल, कृषक राकेश पटेल, श्री बद्रीप्रसाद जोशी प्रतिनिधि के साथ डी. के. सिंह संयुक्त कलेक्टर, डी. के. सिंह कार्यपालन यंत्री मौसम पोर्ते अनुविभागीय अधिकारी रेवापुर उपनहर अनुविभाग हरदा के आर बिलारे अनुविभागीय अधिकारी सोनतलाई उपनहर अनुविभाग हरदा, सचिव भूपेन्द्र सोनी एवं समस्त विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहें। चौपाल में कृषकों को जल की उपयोगिता के संबंध में लघु फिल्म प्रदर्शित की गई एवं नहर से सिंचाई के होने वाले जल के अपव्यय को रोकने हेतु समझाईश दी गई । कृषकों द्वारा बताया गया कि इस वर्ष उन्हें सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी मिल रहा है नहर चौपाल में रू. 174366 / की राजस्व वसूली की गई। इसके अतिरिक्त चौपाल में कृषकों के 4 आवेदन प्राप्त हुए, जिनका चौपाल में निराकरण किया गया ।
ग्रामीणों ने बताई समस्या..
नहरों के अंतिम छोर पर निकासी की व्यवस्था की जायें । मूंग सिंचाई हेतु जिस क्षेत्र में पानी दिया जाना है उसका निर्धारण किया जायें । नहरों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाया जायें एवं नहरों पर रोड एवं वृक्षारोपण किया जायें । नहरों पर जो अवैधानिक हेडअप लगाए जा रहे है उस पर विभाग नियंत्रण कर उन्हे हटायें । कनारदा द्वितीय उपशाखा की धाकड़ वाली पुलिया से गणेश जोशी के खेत तक नहर का सीमांकन करा जाए।
चौपाल में शिकायत का निराकरण…
म.प्र. सिंचाई अधिनियम के अनुसार ही बिल प्रदाय किया गया है। कृषक को नियम से अवगत कराया गया । कृषक सहमत हुआ । 1. नहरों के अंतिम छोर के वाटरकोर्स के नष्ट करने से समस्या हुई है । अनुविभागीय अधिकारी को कृषकों से पुनः वाटरकोर्स निर्माण कराने हेतु निर्देशित किया गया है। 2. जिला जल उपयोगिता की बैठक में जो
निर्णय होगा उस अनुसार मूंग हेतु क्षेत्र का निर्धारण किया जावेगा । 3. कार्यपालन यंत्री द्वारा नहरों के सीमांकन हेतु निर्देशित किया गया ताकि नहरें अतिक्रमण मुक्त हो सके एवं ग्राम पंचायत विभाग से विधिवत अनुमति प्राप्त कर रोड निर्माण एवं वृक्षारोपण की कार्यवाही कर सकते है । वर्तमान में सिंचाई कार्य पूर्ण हो गया है। नहरें बन्द है। अगामी सिंचाई के दौरान जो अवैधानिक हेडअप लगते है। उन्हे लगाने से रोक लगायी जायेंगी कार्यपालन यंत्री द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को नहर का सीमांकन कर ग्राम सचिव को
नहर सीमा से अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया ।