NEET-UG 2024 को रद्द करना अनुचित – सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर !

-रवि लोहिया (न्यूज़ विश्लेषक)

‘री-NEET’ की मांग का विरोध करते हुए गुजरात के 56 छात्रों ने NEET-UG 2024 परीक्षा के नतीजों को रद्द न करते हुए, सुप्रीम कोर्ट में NEET को दोबारा आयोजित न करने के लिए एक याचिका दायर की है। इस याचिका मे नागरिकों के मौलिक एवं शिक्षा अधिकार अनुच्छेद 14 एवं 21 ए का उपयोग करते हुवे याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा में अनुचित साधन अपनाने वालों को छोड़कर, वर्तमान परिणामों के आधार पर मेडिकल प्रवेश जारी रखने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को एक परमादेश जारी की जाए, जिसमें याचिकाकर्ताओं द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए की गई कड़ी मेहनत और समय के मद्देनजर उन्हें NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने से रोका जाए। इस मामले की सुनवाई के लिए अदालत ने 18 जुलाई की तारीख तय करी है |

तर्क यह दिया गया है कि री-NEET की अनुमति देना उन छात्रों के लिए अनुचित होगा जिन्होंने निष्पक्ष और ईमानदार तरीकों से परीक्षा देकर मेडिकल कॉलेज मे एडमिशन के लिए अर्हता प्राप्त की है और यह अनुच्छेद 14 और 21ए के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। याचिका में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि कैसे NEET दोबारा करवाने के आह्वान पर लगातार ‘मीडिया कवरेज’ ने उन छात्रों के बीच बहुत चिंता और दबाव पैदा किया है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से परीक्षा देकर अर्हता प्राप्त की है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए समर्पित रूप से अपना शत प्रतिशत दिया है और 3-4 वर्षों से अधिक की लगातार कड़ी मेहनत के बाद NEET (UG) उत्तीर्ण करी है परन्तु NEET-UG 2024 को रद्द करने और सभी छात्रों के लिए फिर से NEET के संबंध में दैनिक आधार पर समाचारों के कवरेज के कारण मानसिक दबाव पैदा हो रहा है और अनावश्यक तनाव पैदा हो रहा है। याचिका में उन उम्मीदवारों और केंद्रों की पहचान करने का भी अनुरोध किया गया है जिन्होंने उच्च रैंक प्राप्त करने के लिए अनुचित साधन और कदाचार अपनाए हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ 8 जुलाई को एनटीए द्वारा आयोजित NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित कदाचार और अनियमितताओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है।

भारतीय सविंधान मे अनुच्छेद 14 बिना किसी भेदभाव के समान अधिकारों को सुनिश्चित करता है, वहीं “शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन अनुच्छेद 21ए का उल्लंघन है” | अनुच्छेद 14 एवं २१ए के आधार पर शीर्ष अदालत, एनटीए को 5 मई 2024 को आयोजित NEET-UG 2024 को रद्द न करते हुवे दोबारा परीक्षा आयोजित न करने का निर्देश दे सकती है क्योंकि यह न केवल ईमानदार और मेहनती छात्रों के लिए अनुचित और कठोर होगा बल्कि इससे उन्हें नुकसान भी होगा। कदाचार और अनियमिता के मामले मे माननीय अदालत उन केंद्रों की पहचान एवं ऐसे छात्रों की जांच और पहचान के निर्देश दे सकती है जिन्होंने अनुचित साधन अपनाए हैं और रैंक प्राप्त करके मेडिकल कोर्स मे एडमिशन की तैयारी मे है | साथ ही अदालत संभावित दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध जाँच एवं क़ानूनी कार्यवाही के निर्देश दे सकती है |