केयर CHL हॉस्पिटल इंदौर ने हासिल की एक नई उपलब्धि, स्टेवन जॉनसन सिंड्रोम और टॉक्सिक एपिडर्मल नेक्रोसिस से पीड़ित महिला का किया सफल उपचार

Indore News : केयर सीएचएल हॉस्पिटल, इंदौर ने स्टेवन जॉनसन सिंड्रोम तथा टॉक्सिक एपिडर्मल नेक्रोसिस से पीड़ित 25 वर्षीय महिला का उपचार कर एक नई उपलब्धि हासिल की।
मरीज को काफी गंभीर स्तिथि में हॉस्पिटल लाया गया था, जिसके बाद केयर सीएचएल की काबिल टीम ने न केवल सही समय पर बीमारी डिटेक्ट की पर उसके बाद सही चिकित्सा देकर उसका इलाज भी किया। सफल उपचार होने के बाद मरीज को स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दी गई।
केयर सीएचएल हॉस्पिटल के कंसलटेंट फिजिशियन, डॉ. के. एल. प्रजापति ने बताया कि, “मरीज अस्पताल की ओपीडी में तेज बुखार, खांसी, सर्दी और पूरे शरीर पर गंभीर स्किन-रैशेज की शिकायत के साथ आई थी। जांच में पता चला कि दो दिन पहले कुछ दवाइयाँ लेने के बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़नी शुरू हुई थी।
उसकी त्वचा का लगभग 48 प्रतिशत हिस्सा एपिडर्मल नेक्रोसिस से प्रभावित था, जो गंभीर जलने जैसी स्थिति पैदा कर देता है। साथ ही उसे वायरल न्यूमोनिया और सेप्टिक शॉक भी हो गया था, जिससे उसकी स्थिति और जटिल हो गई।
मरीज का स्कॉर्टन स्कोर 2 था, जो सामान्य परिस्थितियों में लगभग 12 प्रतिशत मृत्यु जोखिम को दर्शाता है। लेकिन वायरल न्यूमोनिया और सेप्टिक शॉक जैसी कॉम्प्लिकेशन ने इस खतरे को और बढ़ा दिया था।
इसके बावजूद केयर सीएचएल हॉस्पिटल की मल्टीडिसिप्लिनरी टीम ने 18 दिनों तक लगातार आईसीयू सपोर्ट, संक्रमण नियंत्रण, त्वचा-संरक्षण, फ्लूइड मैनेजमेंट और एडवांस्ड थेरेपी प्रदान की। टीम के समन्वित प्रयासों से मरीज की स्थिति धीरे-धीरे सुधरी और अंततः वह पूरी तरह स्थिर होकर सुरक्षित रूप से डिस्चार्ज कर दी गई।
आगे डॉ. प्रजापति ने बताया कि, “स्टेवन जॉनसन सिंड्रोम और टॉक्सिक एपिडर्मल नेक्रोसिस सामान्यतः कुछ विशेष दवाओं—जैसे कुछ दर्द निवारक दवाइयां (एनएसएआईडी), सल्फोनामाइड और एंटी-एपिलेप्टिक दवाएँ—की गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया के कारण विकसित होते हैं। इस मरीज के मामले में वायरल न्यूमोनिया की उपस्थिति से यह पता चला कि दवाओं के साथ किसी वायरल संक्रमण ने भी इस गंभीर प्रतिक्रिया को ट्रिगर किया होगा।
इसके बाद मरीज को लगातार 18 दिनों तक आईसीयू विशेषज्ञों की सतत निगरानी में रख सही चिकित्सा प्रदान की गई। ऐसे केस में सही समय पर बीमारी डिटेक्ट कर सही इलाज शुरू करना ही सबसे जरुरी होता है और हमारी टीम ये करने में सफल रही।