उज्जैन में शनिचरी अमावस्या पर भक्तों का उमड़ा सैलाब, क्षिप्रा में स्नान कर श्रद्दालुओं ने छोड़े कपड़े और जूते-चप्पल
महाकाल की पालकी के आगे चलते थे राजा, आगे चलने का क्या था संकेत? भोज से सिंधिया-होलकर तक है अनोखा इतिहास