78 करोड़ से बनेगा CBG Plant, सस्ती गैस मिल सकेगी

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अंतर्गत केंद्र सरकार, राज्य सरकार के सहयोग से कंप्रेस्ड बायो सीएनजी प्लांट ( CBG Plant ) 78 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कराया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले स्वीकृति दे दी थी। इस प्लांट में गीले कचरे से सीएनजी तैयार की जाएगी। प्लांट के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को 19.58-19.58 करोड़ रुपये का हिस्सा देना होगा, जबकि नगर निगम को 39.16 करोड़ रुपये की राशि खर्च करनी होगी। यदि निगम यह राशि नहीं देता है, तो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर इस प्लांट को ठेके पर लगवा सकेगा और ठेकेदार कंपनी सीएनजी बेचकर अपनी लागत और मुनाफा कमा सकेगी।

CBG Plant की डीपीआर तैयार

इस प्लांट ( CBG Plant ) की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनकर तैयार है, जिसके अनुसार लगभग 15 एकड़ भूमि पर प्लांट तैयार होगा। इससे पहले लाल टिपारा में भी इंडियन आयल कार्पोरेशन द्वारा सीएसआर मद से 32 करोड़ रुपये की लागत से 100 टन प्रतिदिन क्षमता वाला सीएनजी प्लांट तैयार कराया जा रहा है। हालांकि नया प्लांट लाल टिपारा में निर्माणाधीन प्लांट की तुलना में चार गुना बड़ा होगा। ऐसे में शहर में दो सीएनजी प्लांट संचालित होंगे, जिससे लोगों को सस्ती गैस भी उपलब्ध हो सकेगी। निगमायुक्त हर्ष सिंह ने दूसरे प्लांट को तैयार करने के लिए जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए। इसके बाद बुधवार को सिटी प्लानर और पीआइयू सेल प्रभारी पवन सिंघल ने केदारपुर क्षेत्र में प्लांट के निर्माण के लिए जमीन देखी। जमीन चिह्नित करने के बाद इसके आवंटन के लिए जिला प्रशासन को आवेदन किया जाएगा, ताकि प्लांट का निर्माण किया जा सके।

गीले कचरे से बनेगी सीएनजी और खाद

इस प्लांट में विशेष रूप से गीले कचरे से गैस तैयार की जाएगी। लाल टिपारा गोशाला में गोबर से सीएनजी गैस तैयार करने की व्यवस्था है, लेकिन इस प्लांट में शहर से निकलने वाले गीले कचरे का इस्तेमाल किया जाएगा। निगम के अनुमान के मुताबिक इस प्लांट में प्रतिदिन 435 टन गीला कचरा प्रोसेस कर गैस तैयार कर ली जाएगी। गैस तैयार होने के बाद जो मटेरियल निकलेगा, उसका इस्तेमाल खाद के रूप में कर लिया जाएगा। इस खाद और गैस को बेचने के लिए भी प्रक्रिया की जाएगी।

20 एकड़ जमीन की होगी जरूरत

इस प्लांट को तैयार करने के लिए अगस्त 2023 में नगरीय प्रशासन आयुक्त भरत यादव ने निगमायुक्त हर्ष सिंह को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि प्लांट के निर्माण के लिए लगभग 15 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। स्थानीय अधिकारियों ने जब इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की, तो उसमें 20 एकड़ जमीन की आवश्यकता महसूस हुई है, क्योंकि सीएनजी प्लांट में वाहनों के संचालन सहित स्टोरेज आदि बनाने के लिए अतिरिक्त जगह की आवश्यकता होगी। इसको देखते हुए अब 20 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है।