केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मध्य प्रदेश के होशंगाबाद स्थित बैंक नोट पेपर मिल (BNPM) में हुए कथित घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने मिल के पूर्व महाप्रबंधक (GM) के.जी. विश्वनाथन और तीन निजी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में जांच एजेंसी ने भोपाल, होशंगाबाद और अन्य शहरों में कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी की है।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह पूरा मामला बैंक नोट पेपर के परिवहन और लॉजिस्टिक्स में अनियमितताओं से जुड़ा है। आरोप है कि अधिकारियों और निजी कंपनियों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुँचाया गया है। सीबीआई की टीम ने आरोपियों के घर और दफ्तरों से कई अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं।
कैसे हुआ यह घोटाला?
सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, यह गड़बड़ी साल 2013 से 2016 के बीच हुई थी। उस समय के.जी. विश्वनाथन बैंक नोट पेपर मिल में महाप्रबंधक के पद पर तैनात थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कुछ चहेती निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाया।
जांच में पता चला है कि नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाले विशेष कागज और अन्य सामग्री के परिवहन के टेंडर नियमों को ताक पर रखकर जारी किए गए थे। जिन तीन कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें ‘श्री लॉजिस्टिक्स’, ‘एसआरएस ट्रैवल्स’ और ‘केएसआर फ्रेट कैरियर्स’ शामिल हैं। इन कंपनियों को अनुचित लाभ देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया था।
12 ठिकानों पर एक साथ रेड
भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने गोपनीय तरीके से जांच शुरू की थी। पुख्ता सबूत मिलने के बाद एजेंसी ने एक साथ 12 जगहों पर दबिश दी। यह छापेमारी मुख्य रूप से होशंगाबाद (नर्मदापुरम), भोपाल और मैसूर (कर्नाटक) में की गई है।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की टीम ने पूर्व जीएम के आवास के अलावा संबंधित कंपनियों के दफ्तरों की भी तलाशी ली है। वहां से बैंक खातों, संपत्ति के कागजात और टेंडर से जुड़ी फाइलों को कब्जे में लिया गया है। जांच एजेंसी अब इन दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही है ताकि घोटाले की सटीक रकम का पता लगाया जा सके।
पुराने मामलों की भी हो रही है जांच
यह पहली बार नहीं है जब होशंगाबाद की सिक्योरिटी पेपर मिल या बैंक नोट प्रेस चर्चा में आई है। इससे पहले भी यहाँ सुरक्षा और प्रबंधन में खामियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कुछ साल पहले यहाँ से नोट छापने वाले कागज की चोरी का मामला भी सामने आया था, जिसने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी थी। सीबीआई की मौजूदा कार्रवाई को उस पुराने पैटर्न से जोड़कर भी देखा जा रहा है, जहाँ आंतरिक मिलीभगत से गड़बड़ियाँ की जाती थीं।
ताजा मामले में सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। जांच एजेंसी जल्द ही आरोपियों से पूछताछ शुरू कर सकती है। इस कार्रवाई से नोट प्रेस और पेपर मिल से जुड़े अन्य अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।