सीसीटीवी ने खोला अस्पताल का राज, लापरवाही और लूट का शिकार बनी मरीज की जिंदगी

इंदौर शहर के नवलक्खा चौराहे निवासी रमेश जायवाल ने आर.के. हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनकी 22 वर्षीय बेटी छाया जायवाल को सांस की तकलीफ के चलते 5 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के नाम पर परिवार से करीब 80 हजार रुपये से अधिक खर्च कराए गए, लेकिन सही देखभाल न होने से बेटी की जान चली गई।

अचानक आईसीयू में शिफ्ट और बिजली कटौती का खुलासा

रमेश जायवाल ने बताया कि मंगलवार सुबह बेटी को नाश्ता कराने के बाद अचानक अस्पताल की टीम ने उसे आईसीयू में ले जाकर ऑक्सीजन मास्क लगाया। इस बीच परिजनों को पता चला कि अस्पताल में बिजली आपूर्ति बाधित थी। सवाल यह उठता है कि बिना पर्याप्त सुविधाओं के आईसीयू में किस प्रकार इलाज किया जा रहा था।

मौत की जानकारी छुपाकर बाहर भेजे गए परिजन

परिजनों का आरोप है कि बेटी के निधन के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें तुरंत जानकारी नहीं दी। उल्टा उन्हें दवाइयाँ लाने के लिए बाहर भेज दिया गया। जब तक वे लौटे, तब तक उनकी बेटी की मौत हो चुकी थी। परिजन कहते हैं कि बाद में अस्पताल के डॉक्टर ने मात्र औपचारिक जानकारी दी कि इलाज के दौरान छाया की मृत्यु हो गई।

सीसीटीवी फुटेज में मिला विरोधाभास

परिवार ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो कई गंभीर लापरवाहियों का पता चला। वीडियो के अनुसार, डॉक्टरों और स्टाफ का रवैया उदासीन दिखाई दिया। परिजनों का कहना है कि मौत से जुड़ी जानकारी अस्पताल की ओर से स्पष्ट रूप से नहीं दी गई और स्टाफ लगातार टालमटोल करता रहा।

पुलिस थाने में दर्ज कराई गई FIR

घटना से आक्रोशित परिजनों ने संयोगितागंज थाने में हॉस्पिटल और डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। परिवार की मांग है कि दोषियों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और उन्हें न्याय दिलाया जाए।