अयोध्या ध्वजा पुनःस्थापना का जश्न इंदौर में भी चरम पर, गूंजे जय श्रीराम के नारे

अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रीराम मंदिर परिसर में धर्म ध्वजा के पुनःस्थापना समारोह ने पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह की लहर दौड़ा दी। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए इंदौर में भी इस क्षण को बड़े धूमधाम से मनाया गया, जहाँ सांसद शंकर लालवानी के नेतृत्व में एक भव्य धार्मिक आयोजन आयोजित किया गया।

इंदौर में लाइव टेलीकास्ट के साथ मनाया गया ऐतिहासिक क्षण

इंदौर के विद्याधाम मंदिर में हुए कार्यक्रम में अयोध्या से चल रहे लाइव प्रसारण को विशाल स्क्रीन पर देखा गया। जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी ने धर्म ध्वजा का पुनःस्थापन किया, पूरा परिसर “जय श्रीराम” के जयकारों से गूंज उठा और वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।

200 से अधिक बटुकों द्वारा वैदिक ध्वजारोहण

इंदौर के आयोजन की सबसे खास बात 200 से अधिक बटुकों द्वारा किया गया वैदिक ध्वजारोहण रहा। सांसद शंकर लालवानी और माँ राजजेश्वरी श्री विद्या ललिता देवी मंदिर के चिन्मयानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ध्वज आरोहण सम्पन्न हुआ। शंखनाद, ढोल-नगाड़ों और जयकारों ने माहौल को और भी गरिमामय बना दिया।

ध्वजापूजन के बाद हवन, प्रसाद और आतिशबाजी

ध्वजापूजन के बाद हवन, 51 किलो पेड़े का प्रसाद वितरण और आकर्षक आतिशबाजी ने कार्यक्रम को और भी दिव्य तथा औपचारिक बना दिया। श्रद्धालुओं के साथ ही कई सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

सांसद शंकर लालवानी का संदेश

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को नए आत्मविश्वास के साथ पुनर्जीवित कर रहा है। उनके अनुसार अयोध्या में धर्म ध्वजा का पुनःस्थापन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। इंदौर में हुआ यह आयोजन उसी भावनात्मक ऊर्जा का प्रतीक बन गया।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिया गया वक्तव्य, जिसमें सांसद लालवानी भी मौजूद थे, इंदौर में काफी चर्चा में रहा।

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख नाम

आयोजन में बड़ी संख्या में रामभक्तों के साथ निम्न प्रतिनिधि और कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे- विशाल गिदवानी, कपिल जैन, संकल्प वर्मा, गगन खुबानी, नीलेश उपाध्याय, विनोद सिंघल, जीतेन्द्र जटिया, जुगल जोशी, मुकेश पांडे, मोहित वर्मा सहित कई सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।