इंदौर : शहर के राजवाड़ा में वरदा कला संस्थान ने देवी अहिल्या बाई होलकर का 300वें जन्म जयंती के उत्सव पर वरदा कला संस्थान द्वारा निर्मल अहिल्या स्मरण की प्रस्तुति दी गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमति सुमित्रा महाजन और विशेष अतिथि संस्कृति मंत्रालय सदस्य डॉ. भरत शर्मा रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अहिल्या देवी के वंशज उदयराजे होलकर ने की। मां अहिल्या की जन्म जयंती के उत्सव पर दत्त माउली संस्थान के अण्णा महाराज, विधायक गोलू शुक्ला, समिति सचिव डॉ. माला सिंह ठाकुर, सहज योग समिति के सदस्य अमित गोयल ,पार्षद डॉ. रुपाली अरुण पेंढारकर विशेष रूप से मौजूद रहे।
भरतनाटयम नृत्य की दी गई प्रस्तुति
कार्यक्रम में भरतनाटयम नृत्य की प्रशिक्षणार्थीयो ने नृत्य नाटिका निर्मल अहिल्या स्मरण की प्रस्तुति दी। लगभग 70 कलाकारों ने अपने अभिनय, संवाद और गीत-संगीत से दर्शकों को एक घंटे तक बांधे रखा। करीब 2 हजार वर्ष से अधिक पुराने भरतनाटयम नृत्य शैली से सजी इस नृत्य नाटिका ने देवी अहिल्या के जीवन से जुड़े विविध प्रसंगो को एक तरह से जीवंत कर दिया। शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य और गीत – संगीत से सजी इस नृत्य नाटिका में देवी अहिल्या का किरदार भरतनाटयम नृत्य द्वारा बखूबी दर्शाया गया।
इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय सदस्य – डॉ .भरत शर्मा ने कहा कि यह राष्ट्रीय गर्व का विषय है कि इंदौर को आज भी पुण्यश्लोका देवी अहिल्या बाई होलकर का 300वे जन्म जयंती उत्सव आज मध्य प्रदेश और अन्य प्रदेशों में भी आयोजित हो रहे है। माँ अहिल्या ने भारतीय संस्कृति के रक्षा के लिए देशभर में मंदिरों का निर्माण और जीर्णोद्धार का संकल्प लिया। मां अहिल्या अपने उदार व्यक्तित्व से जनप्रिय रही और अपने पौरुष का परिचय समय-समय पर देकर सबको चौंकाया भी।
सुमित्रा महाजन ने किया देवी अहिल्या का गुणगान
पूर्व लोकसभा स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा तमाम संकटो और उथल-पुथल के बावजूद देवी अहिल्याबाई अपने कर्तव्यों पर अंतिम समय तक डटी रही, हर बाधा और चुनौती का सामना किया। वहीं देवी अहिल्याबाई के वंशज उदय राजे होलकर ने कहा ने कहा कि अहिल्या बाई को अपने माता-पिता की ऐसी पुण्याई मिली कि भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक वे आज सब जगह पूजी जा रही है। वे अपने कार्यो से देवी बनी।
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मालासिंह ठाकुर ने कहा कि यह स्वाभिमान जागरण का समय है। देवी अहिल्या ने हमें स्वबोध, स्वाभिमान सिखाया और सामाजिक समरसता की सीख दी। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियो का स्वागत शाल,श्रीफल और तुलसी के पौधों से किया गया।
ऐतिहासिक होलकर कालीन इमारत राजवाड़ा के विशाल मंच पर हुई इस नृत्य नाटिका की संकल्पना और निर्देशन कलागुरु श्रीमती श्रुति राजीव शर्मा ने किया और इसे लिखा श्रावणी जोशी ने। वहीं इस मौके पर अभिभावक श्री आशीष श्रीकांता कचोलिया का सम्मान किया गया।