योगी आदित्यनाथ की बायोपिक फिल्म ‘AJEY’ को सेंसर बोर्ड ने रोका, निर्माता पहुंचे हाई कोर्ट

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ को सेंसर बोर्ड (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन, CBFC) द्वारा प्रमाणन न दिए जाने के कारण इसके निर्माताओं ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। यह फिल्म शांतनु गुप्ता की पुस्तक ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ से प्रेरित है, जो योगी आदित्यनाथ के जीवन और उनकी राजनीतिक यात्रा पर आधारित है।

AJEY: सेंसर बोर्ड के फैसले पर सवाल

निर्माता कंपनी स्मार्ट सिनेमैटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने दावा किया है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म, इसके ट्रेलर और गानों के लिए प्रमाणन आवेदनों को बिना देखे ही खारिज कर दिया। उनके वकील असीम नफाडे, सत्यत्य आनंद और निखिल अराधे ने कोर्ट में तर्क दिया कि यह निर्णय मनमाना और गैर-कानूनी है। बॉम्बे हाई कोर्ट की जज रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की बेंच ने सेंसर बोर्ड से सवाल किया कि जब यह पुस्तक पिछले आठ वर्षों से सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है और इसे कोई आपत्ति नहीं हुई, तो इससे प्रेरित फिल्म को कैसे सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा माना जा सकता है?

AJEY: अनावश्यक मांग और देरी का आरोप

निर्माताओं का कहना है कि सेंसर बोर्ड ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की मांग की है, जो सिनेमैटोग्राफ एक्ट या इसके नियमों के तहत अनिवार्य नहीं है। उन्होंने इसे ‘आधारहीन और देरी का बहाना’ करार दिया। इसके अलावा, निर्माताओं ने बताया कि उन्होंने 5 जून 2025 को फिल्म के लिए प्रमाणन आवेदन किया था, लेकिन सेंसर बोर्ड ने सिनेमैटोग्राफ (सर्टिफिकेशन) नियम, 2024 के तहत निर्धारित समयसीमा के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की। प्राथमिकता शुल्क के साथ दोबारा आवेदन करने के बावजूद, स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई और कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया।

AJEY: फिल्म की रिलीज पर संकट

‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ 1 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। निर्माताओं ने बताया कि फिल्म के प्रचार, वितरण और मार्केटिंग पर अब तक लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, और रिलीज से पहले 10 करोड़ रुपये और खर्च होने की संभावना है। सेंसर बोर्ड की देरी और प्रमाणन न देने के फैसले ने फिल्म की रिलीज को खतरे में डाल दिया है।