स्वतंत्र समय, भोपाल
मोदी कैबिनेट ने बुधवार को केंद्रीय कर्मचारियों ( employees ) के महंगाई भत्ते और पेंशनरों की महंगाई राहत में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। इसके बाद एमपी के करीब 7 लाख कर्मचारी डीए और 4.50 लाख पेंशन डीआर (महंगाई राहत) में 7 प्रतिशत पीछे हो गए हैं। डीए और डीआर को लेकर केंद्र सरकार की घोषणा के साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
employees का डीए, पेंशनरों का डीआर दो बार बढ़ता है
उम्मीद की जा रही है कि नई परिस्थिति में राज्य सरकार दीपावली से पहले 4 प्रतिशत डीए देने की घोषणा और आदेश कर सकती है। कर्मचारियों के डीए, पेंशनरों के डीआर में साल में दो बार (जनवरी और जुलाई) में वृद्धि की जाती है। इससे पहले केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 को 4 प्रतिशत डीए-डीआर बढ़ाया था। यह लाभ प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनरों को अब तक नहीं मिला है। इसे लेकर कर्मचारी लामबंद हैं और आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत डीए-डीआर देने की घोषणा बुधवार को कर दी है। इससे राज्य के कर्मचारियों का पक्ष मजबूत हो गया है और वे दीपावली से पहले एरियर के साथ डीए-डीआर देने की मांग करने लगे हैं।
मप्र में मिल रहा 46 प्रतिशत डीए
प्रदेश के कर्मचारियों को 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों को इतना ही डीआर मिल रहा है। जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों-पेंशनरों को जनवरी 2024 से ही 50 प्रतिशत डीए-डीआर दिया जा रहा है। राज्य के कर्मचारियों का डीए और पेंशनरों के डीआर में 4 प्रतिशत की वृद्धि होने पर संवर्ग और पे-बैंड के हिसाब से कर्मचारियों को 1 से 10 हजार रुपए का मासिक लाभ होगा। डीए-डीआर में वृद्धि का निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लेना है। उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों के बढ़ते विरोध को देखते हुए वे जल्द ही निर्णय ले सकते हैं और दीपावली से पहले इसकी घोषणा की जा सकती है।