सीताराम ठाकुर, भोपाल
मप्र के 80 लाख से अधिक किसानों को केंद्र सरकार ( Central government ) ने पीएम सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की किश्त तो डाल दी है, लेकिन किसानों के लिए चलाई जा रही राष्ट्रीय कृषि विकास सहित दो दर्जन से अधिक योजनाओं में केंद्र ने फंड देने में झटका दे दिया है। इस साल केंद्र से किसानों से जुड़ी योजनाओं में 764 करोड़ रुपए की राशि मिलनी थी, जिसके एवज में अभी तक 335 करोड़ रुपए ही मिले हैं। इससे कई योजनाओं का लाभ किसानों को मिलता नजर नहीं आ रहा है।
Central government ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में दिया पैसा
प्रदेश में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की उन्नति सहित आय दो गुना करने के लिए केंद्र सरकार ( Central government ) द्वारा मप्र को करीब दो दर्जन से अधिक योजनाओं में फंड मुहैया कराया जाता है। ऐसी योजनाओं के संचालन के लिए राज्य सरकार ने 2023-24 के लिए बजट में 1258 करोड़ 39 लाख रुपए का प्रावधान किया था। इसमें राज्य सरकार को 493 करोड़ और केंद्र सरकार को 764 करोड़ रुपए खर्च करने थे, लेकिन केंद्र से अभी तक मप्र को 50 फीसदी से भी कम 335 करोड़ रुपए ही मिल सके है, जबकि ये साल खत्म होने में 24 दिन शेष रह गए है। इससे किसानों में भी सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है, क्योंकि उन्हें ट्रेक्टर एवं कृषि उपकरणों में अनुदान नहीं मिल रहा है। केंद्र ने केवल राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में दरियादिली दिखाते हुए मप्र को 162 करोड़ के बदले 206 करोड़ रुपए की राशि दी है।
इन योजनाओं में Central government से मिला पैसा
योजनाएं केंद्र ने दिया पैसा योजना केंद्र से लेना पैसा मिला
कृषि संगणना 10.00 00.00
परंपरागत कृषि 11.46 00.00
लघु सिंचाई गणना 09.36 00-00
स्वाइल हेल्थ कार्ड 07.07 00-00
ट्रेक्टर एवं उपकरण 77.16 00-00
एग्रीकल्चर एक्सटेंशन 91.07 25.84
सीड एंड प्लानिंग मटे. 48.00 18.00
फार्म वाटर मैनेजमेंट 31.24 00.00
आइल पाम मिशन 37.00 00.00
राष्ट्रीट खाद्य सुरक्षा 244.18 85.37
पीएम कृषि योजना 08.52 00.00
नेशनल नेचुरल फार्मिंग 12.00 00.00
(राशि करोड़ रुपए में, स्त्रोत-वित्त विभाग)
इन योजनाओं की भी स्थिति खराब फसलों की सांख्यिकी में सुधार, मुख्य फसलों के क्षेत्रफल तथा उत्पादन संबंधी अनुमानों को भेजने का प्लान, लघु सिंचाई गणना एवं जल निकायों की गणना कराने के लिए फंड नहीं दिया। पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नालॉजी का विकास, नेशनल ई-गर्वनेंस प्लान, क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबल एग्रीकल्चर का विकास, भंडार एवं विपणन के लिए वेयर हाउस निर्माण आदि अनेक योजनाएं केंद्र से फंड नहीं मिलने की वजह से कागजों पर ही संचालित हो रही है, जबकि साल 2016 से मप्र सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था।
सब्सिडी का पैसा ही नहीं मिल रहा
रायसेन जिले के कृषक अजब सिंह का कहना है कि राज्य सरकार ट्रेक्टर और कृषि उपकरणों की खरीदी करने पर सब्सिडी का लाभ देती थी, लेकिन केंद्र से समय पर फंड नहीं मिलने के कारण इन उपकरणों का भुगतान बैंक से लोन लेकर करना पड़ रहा है और सरकारी योजना के लाभ से प्रदेश के किसा वंचित हैं।