मध्य प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा: केंद्र सरकार लगाएगी 9 नए सीएनजी प्लांट, भोपाल समेत कई जिलों को मिलेगा लाभ

मध्य प्रदेश में स्वच्छ और हरित ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने राज्य में नौ नए सीएनजी (कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) प्लांट स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है। इस फैसले से प्रदेश में सीएनजी वाहनों के लिए ईंधन की उपलब्धता और भी आसान हो जाएगी।

इन नए संयंत्रों की स्थापना से न केवल वाहन चालकों को राहत मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह एक बड़ा प्रयास साबित होगा। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच सीएनजी एक किफायती विकल्प के रूप में उभरा है, और सरकार इसी मांग को पूरा करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रही है।

इन जिलों में होगी प्लांट की स्थापना

जानकारी के अनुसार, ये नए सीएनजी प्लांट मध्य प्रदेश के विभिन्न प्रमुख शहरों और जिलों में लगाए जाएंगे। इसमें राजधानी भोपाल के साथ-साथ अन्य बड़े शहर भी शामिल हैं। इन संयंत्रों के शुरू होने से लंबी दूरी तय करने वाले वाहनों और स्थानीय ट्रांसपोर्ट को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर प्रमुख मार्ग पर सीएनजी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इससे वाहन मालिकों को लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी और सीएनजी भरवाने के लिए दूरदराज के पंपों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

प्रदूषण नियंत्रण में मिलेगी मदद

सीएनजी को पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी स्वच्छ ईंधन माना जाता है। इससे निकलने वाला धुआं पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होता है। मध्य प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण एक चिंता का विषय रहा है। ऐसे में, सीएनजी का उपयोग बढ़ने से हवा की गुणवत्ता में सुधार आने की पूरी संभावना है।

सरकार लगातार लोगों को इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। नए प्लांट खुलने से लोग बेझिझक सीएनजी वाहन खरीद सकेंगे, क्योंकि उन्हें ईंधन की कमी का डर नहीं सताएगा।

रोजगार के नए अवसर

इन नौ सीएनजी प्लांट्स की स्थापना से प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। प्लांट के निर्माण से लेकर उसके संचालन और रखरखाव तक, स्थानीय लोगों को काम मिल सकेगा। इसके अलावा, सीएनजी किट फिटिंग और सर्विसिंग के क्षेत्र में भी काम बढ़ने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश में सीएनजी की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। पुराने समय में सीमित पंप होने के कारण लोगों को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता था। केंद्र सरकार की यह नई पहल इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में एक ठोस कदम है।