केंद्र सरकार ने कुछ गाइडलाइंस जारी की जिसके चलते टैक्सी सर्विस एप जैसे की ओला, उबर, रैपिडो का अब पीक आवर्स पर किराया दोगुना कर सकते है। इन नियमो को 3 सितंबर तक लागु किया जा सकता है। इन गाइडलाइंस के बारे में जानना बहुत जरुरी है क्योकि यह नियम आपकी डेली लाइफ पर प्रभाव डाल सकते है। इन नियम को लेकर आपके मन में कई सवाल होगए जैसे की – पीक आवर्स क्या है ?सरकार ने यह नए नियम क्यों बनाये है ? और जब पीक आवर्स नहीं होंगे तब किराया कितना रहेगा ?चलिए एक एक कर इन सवालो का जवाब जानते।
पीक आवर्स:
सबसे पहले बात करते है पीक आवर्स के बारे में ,पीक आवर्स यानी वह समय जब ट्रैफिक ज्यादा होता है, या मौसम ख़राब हो , या फिर उस समय पर टैक्सी की डिमांड ज्यादा हो। यह सब परिस्थितियाँ पीक आवर्स में आती है।
केंद्र सरकार के नए नियम के मुताबिक :
केंद्र सरकार के नियमो के चलते ओला, उबर, रैपिडो जैसी टैक्सी एप बेस्ड कंपनिया पीक आवर्स में किराया दोगुना कर सकती है बता दे की यह गाइडलाइन्स मंगलवार को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस MVAG 2025 के तहत जारी की गयी थी। जिसमे फेयर पीक में फेयर 1.5 गुना से बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है।
नॉन-पीक आवर्स:
अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की नॉन-पीक क्या होता होते है, ऐसा समय जब स्थितियां सामान्य हो या मांग कम हो उसे नॉन पीक कहते है। इस समय किराया बेस किराये के 50 प्रतिशत होने कि समंभावना है। बता दे की यह नियम ड्राइवरों की तनखाह को बढ़ाने के लिए बनाए गए है ।