‘Udaipur Files’ की रिलीज पर संस्पेस बरकरार! HC ने 6 अगस्त तक केंद्र को दोबारा जांच का दिया आदेश

Udaipur Files: बहुचर्चित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ की रिलीज को लेकर विवाद और कानूनी उलझनें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को फिल्म के प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) पर अंतिम निर्णय लेने के लिए 6 अगस्त तक का समय दिया है। यह फिल्म 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित है, जिसे लेकर सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता के मुद्दे उठाए जा रहे हैं।

Udaipur Files: दिल्ली हाई कोर्ट का ताजा आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेदेला शामिल हैं, ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह फिल्म के निर्माताओं के साथ विचार-विमर्श कर 6 अगस्त तक इस मामले में अंतिम फैसला सुनाए। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्या केंद्र सरकार को सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत छह कट्स लागू करने का अधिकार है। इसके जवाब में सरकार ने इन कट्स को वापस लेने पर सहमति जताई और कहा कि वह जल्द ही फिल्म के प्रमाणन पर अंतिम निर्णय लेगी।

कोर्ट ने निर्माताओं को सोमवार, 2 अगस्त को दोपहर 2 बजे केंद्र के समक्ष अपनी दलीलें पेश करने का निर्देश दिया। इस मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और कन्हैया लाल हत्याकांड में आरोपी मोहम्मद जावेद ने फिल्म की रिलीज का विरोध किया है। उनका तर्क है कि यह फिल्म सामुदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती है और उनके निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को प्रभावित कर सकती है।

Udaipur Files: फिल्म का विवाद और कट्स का मुद्दा

‘उदयपुर फाइल्स’ को शुरू में सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने 55 कट्स के साथ मंजूरी दी थी। बाद में, दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित एक विशेषज्ञ समिति ने छह अतिरिक्त बदलावों की सिफारिश की थी, जिसमें एक नया डिस्क्लेमर और कुछ संवेदनशील दृश्यों को हटाना शामिल था। इनमें एक एआई-जनरेटेड दृश्य, जो ‘सऊदी अरब-शैली की फांसी’ जैसा प्रतीत होता था, और ‘नूतन शर्मा’ नामक किरदार से संबंधित संवादों को हटाने की सिफारिश शामिल थी।