सवाईकल कैंसर (Cervical Cancer) क्या है ? जानिए और कौन बना रहा है इसकी दवा
दिल्ली- सीरम इंस्टीट्यूट की सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के लिए बनाई गई वैक्सीन इस महीने से बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। यह वैक्सीन CERVAVAC के नाम से बाजार में मिलेगी और इसकी एक डोज की कीमत करीब दो हजार रुपए होगी। भारत में बनी यह पहली ह्युमन पैपीलोमावायरस वैक्सीन है, जिसे बीती 24 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने,सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला की मौजूदगी में लॉन्च किया था।
सूत्रों के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सरकार और रेगुलेटर मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है कि सर्वाइकल कैंसर की इस वैक्सीन की निजी मार्केट में कीमत 2000 रुपए प्रति खुराक रहेगी। इस वैक्सीन की दो खुराक होंगी जो कि बाजार में उपलब्ध सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की अन्य वैक्सीन के मुकाबले काफी कम है। प्रकाश सिंह ने ये भी कहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया सरकार को इस वैक्सीन को बेहद ही किफायती कीमत पर उपलब्ध कराएगी।
बता दें कि अभी देश में विदेश में बनी सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन उपलब्ध हैं। अमेरिकी कंपनी मर्क की एचपीवी वैक्सीन की कीमत करीब 10 हजार रुपए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एचपीवी वैक्सीन को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रहा है, जिसके तहत 9-14 साल की लड़कियों को ये वैक्सीन लगाई जाएंगी। इसके लिए सरकार अप्रैल में टेंडर निकाल सकती है।
बता दें कि दुनिया की कुल महिला आबादी में से 16 फीसदी महिलाएं भारत में रहती हैं लेकिन यहां सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से मरने वाली महिलाओं का आंकड़ा कुल मौतों में से एक तिहाई है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल करीब 80 हजार महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की चपेट में आती हैं और इनमें से 35 हजार की मौत हो जाती है।
क्या है सवाईकल कैंसर (Cervical Cancer)-
कैंसर का सीधा सा अर्थ है गाँठ या ट्यूमर, जिस जगह ट्यूमर होता है, वह उस जगह का कैंसर (cancer) होता है| जैसे अगर सिर में ट्यूमर है तो वह ब्रेन कैंसर होता है| ऐसे ही कैंसर कई तरह का होता है और उसी में एक है सवाईकल कैंसर (Cervical Cancer) ,आईये जानते है सवाईकल कैंसर क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या है तथा इससे कैसे बचा जा सकता है ?
इसे गर्भाशय का कैंसर कहा जाता है, गर्भाशय में सेल्स (कोशिकाओं) की अनियमित वृद्धि को सवाईकल कैंसर कहते है, वैसे तो इसके ज्यादातर मामले फ्लैटेंड और स्क्वैक्ष सेल्स की बढ़ोतरी के कारण होता है, लेकिन कुछ मामलों में म्यूकस और ग्लैंडूलर भी कारण होते है| इसकी सबसे पहले की स्थिति को डिस्प्लेसिया कहते है, जिसका पूरा इलाज संभव है| लेकिन जब यह बीमारी कैंसर (Cervical Cancer) का रूप ले लेती है तो इसे कार्किनोमा कहते है| ऐसा इसलिए भी हो सकता है की जब ऐसे पार्टनर के साथ सेक्स किया है जिसने कई लोगों के साथ सेक्स किया हो, इसके अलावा अगर महिलाओं का तंत्रिका कमजोर हो तो भी सवाईकल कैंसर हो सकता है, यह कैंसर महिलाओं में ज्यादा होता है|
सवाईकल कैंसर के लक्षण-
- गुप्तांग से बगैर कारण के असामान्य रूप से रक्त का स्त्राव होना सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है। कैंसर होने की स्थिति में कुछ केशिकाओं की वृद्धि होती है जो आसानी से टूट सकती हैं और रक्त स्त्राव का कारण बनती हैं।
- अगर आपको बगैर किसी कारण के लगातार थोड़ी-थोड़ी देर में बाथरूम जाना पड़ रहा है, तो आपको इस बारे में ध्यान देने की जरूरत है। यह सर्वाइकल कैंसर का प्रभाव हो सकता है।
- संबंध के दौरान जननांगों में दर्द भी सर्वाइकल कैंसर के कारणों में से एक है। इसके अलावा, बंधन के बाद मोटी बदबूदार पदार्थ का स्राव भी इसका एक लक्षण है।
- यदि आप इन सभी लक्षणों के साथ आराम करने के बावजूद बहुत थका हुआ महसूस करते हैं, तो अपने डॉक्टर को दिखाएं इस प्रकार के कैंसर में, लाल रक्त कोशिकाओं का नुकसान होता है और एनीमिया की संभावना बढ़ जाती है।
- पीरियड्स अनियमित समय पर आना और बहुत जल्दी जल्दी आना
- पीरियड्स में सामान्य से ज्यादा ब्लड का रिसाव होना।
सवाईकल कैंसर के इलाज-
1.) सवाईकल स्क्रीनिंग- नियमित सवाईकल स्क्रीनिंग केंसर के लक्षणों का शुरवात में ही पता लगाया जा सकता है। इस से कैंसर को बढ़ने से पहले ही रोक जा सकता है और नियमित रूप से इलाज हो कर बचा जा सकता है।
2.) ह्यूमन पॉपीलोना वायरस वैक्सीन- एचपीवी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसे 11 से 15 साल की लड़कियों में भी एचपीवी वैक्सीन जरूरी बताई गई है। पैप – स्मीयर जांच से पहले वीएसआई स्क्रीनिंग भी जरूरी है। एचपीवी तीन चरणों में होने वाला वैक्सीनेशन है, जिसे पहली एक महीने, फिर दूसरी और तीसरी डोज छठे महीने में दी जाती है।
3.) सर्जरी- कैंसर की दूसरी स्टेज में उन अंगों को निकाल दिया जाता है जो अंग कैंसर से प्रभावित होते है। इसमें गर्भाशय और उसके आसपास के टिशू को निकल दिया जाता है। इसमें अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, और लिम्फ नोड्स भी हटाये जा सकते है।
4.) कीमोथेरेपी- कीमोथेरेपी से भी सरवाइकल कैंसर का इलाज होता है। कीमोथैरेपी में विषाक्त दवाओं का इस्तेमाल होता जिससे कैंसर की कोशिकाओं को मारा जाता हैं।
सवाईकल कैंसर बचाव व रोकथाम-
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बाजार में एक वैक्सीन उपलब्ध है जिससे इसका बचाव हो सकता है। विदेशों में वैक्सीनेशन प्रोग्राम में इसे आवश्यक बना दिया है। भारत में भी यह दवा मुफ्त में उपलब्ध है। इसका प्रयोग 10 साल से लेकर 40 साल तक की महिलायें कर सकती हैं। इसकी तीन खुराकें दी जाती हैं। गाइनीकोलॉजिस्ट भी इसे लेने की सलाह देते हैं। इंटरकोर्स से पहले लेने पर यह अधिक प्रभावी होती हैं। इसलिए इस वैक्सीन के बारे में विस्तार से जानकारी लें और इसका प्रयोग करें।