अध्यक्ष पति पर लगाया परिषद के कार्यों में हस्तक्षेप करने का आरोप

स्वतंत्र समय, सीधी

नगर पंचायत चुरहट की अध्यक्ष श्रीमती मोनिका गुप्ता के पति विजय गुप्ता के खिलाफ एक बार फिर पार्षद लामबंद हुए है। नाराज पार्षदों ने इस बार अध्यक्ष पति के साथ-साथ अध्यक्ष को भी टारगेट में लिया है। 15 सदस्यी परिषद वाली नगर पंचायत के करीब 10 पार्षदों ने अध्यक्ष को हटाने कलेक्टर को पत्र सौंपा है। बता दें कि अध्यक्ष व उनके पति के कृत्यों से नाराज सीएमओ ने 9 नवंबर 2023 को ही कलेक्टर को पत्र लिखकर उनके कृत्यों का पर्दाफास करते हुए वैधानिक कार्रवाई की मांग की थी। सूत्र बताते है कि सीएमओ नगर पंचायत आनंद मिश्रा द्वारा की गई शिकायत पर राजनैतिक हस्ताक्षेप बढ़ जाने के चलते कलेक्टर द्वारा मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था लेकिन इस बार दो तिहाई से अधिक पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलकर यह साफ कर दिया है कि चुरहट नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी में जल्द ही फेरबदल हो सकता है।
गौरतलब है कि नगर पंचायत चुरहट में बतौर अध्यक्ष निर्वाचित हुई श्रीमती मोनिका गुप्ता के निर्वाचन उपरांत से ही उनके पति विजय गुप्ता द्वारा परिषद के कार्यो में दखलंदाजी शुरू कर दी गई थी। यही नही कई बार तो उन्होने नगर पंचायत क्षेत्र के लोगों को आर्थिक सहायता भी अपने हांथो से बांट दी थी इस मामले को लेकर जब परिषद के अन्य सदस्यों ने शिकायत की तो इस पर विराम लगा लेकिन वह अध्यक्ष की कुर्सी में बैठकर कार्यालय संचालन करने में मशगूल रहे जिससे नगर परिषद कार्यालय के आला अधिकारी भी परेशान हो रहे थे यही नही अध्यक्ष कक्ष में लगा सीसीटीवी कैमरा भी उनके द्वारा निकलवा दिया गया था इस मामले की जानकारी मिलने पर सीएमओ आनंद मिश्रा ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अध्यक्ष पति व उसके सहयोगी जगदीश गुप्ता के खिलाफ एक वर्ष तक नगर परिषद कार्यालय में प्रवेश से वंचित करने का आदेश भी जारी कर दिया था। इस आदेश के बाद जिले में हडक़म्प मच गया था। हलाकि राजनैतिक हस्ताक्षेप बढऩे के बाद उक्त आदेश ज्यादा दिनो तक प्रभावी नही रहा हाल ही में आयोजित परिषद की बैठक में विजय गुप्ता की उपस्थिती यह बता रही है कि सीएमओ का वह आदेश इनके लिए प्रभावी नही रहा। लेकिन इस बार पार्षदों ने जो मोर्चा खोला है उससे यह जरूर साफ हो गया है कि चुरहट नगर पंचायत में अध्यक्ष को लेकर उपाध्यक्ष सहित पार्षद आमने-सामने है।

क्या कहता है नियम

नगर पालिकाओं के गठन उपरांत तैयार की गई शर्तो में इस बात का साफ उल्लेख किया गया है कि कलेक्टर किसी निर्वाचित पार्षद को किसी भी समय हटा सकता है जिसके लिए धारा 41 को प्रभावी करना होगा। नगरीय प्रशासन अधिनियम की बात करें तो यदि परिषद में पार्षदों की कुल संख्या कम से कम दो तिहाई से समर्थित संकल्प द्वारा अनुशंसा की हो कि पार्षद अपने कर्तव्यों के निर्वहन में दुराचरण के कारण अथवा अशोभनीय आचारण कर रहे है तो वह पार्षद बने रहने योग्य नही है। इसी तरह धारा 42 में यह साफ उल्लेख किया गया है कि पार्षद न रहने पर समस्त पदों का स्वमेव रिक्त माना जायेगा इसके अनुसार मूल में पार्षद पद प्रमुख है। यदि पार्षद पद का निर्वाचन निरयोग्यता के कारण रिक्त घोषित कर दिया जाता है तो पार्षद पद से जुड़े पद स्वमेव रिक्त हो जायेगें। इस नियम के अनुसार लगातार अध्यक्ष मोनिका गुप्ता के खिलाफ आ रही शिकायतों पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर सक्षम है।

इन पार्षदों ने कलेक्टर को लिखा पत्र

नगर पंचायत चुरहट की अध्यक्ष श्रीमती मोनिका गुप्ता व उनके पति विजय गुप्ता तथा सहयोगी जगदीश गुप्ता के क्रियाकलापों से नाराज परिषद के पार्षदों ने कलेक्टर को पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। नाराज पार्षदों में उपाध्यक्ष अजय पाण्डेय,शांती पटेल,कल्पना पाल,प्रियंका पटेल,अफजल खान,किरण पटेल,दिनेश बंशल,सूर्यभान पटेल,कुशुम सोनी ने 10 जनवरी को कलेक्टर से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई थी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई कलेक्टर कार्यालय द्वारा नही की गई।

विकास कार्यों में लगा ग्रहण

नगर पंचायत अध्यक्ष मोनिका गुप्ता व उनके पति विजय गुप्ता द्वारा मनमानी पूर्ण कार्य कराये जाने के चलते नाराज पार्षदों सहित सीएमओ ने कलेक्टर को लिखे पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि नगर के महत्वपूर्ण विकास इनकी लापरवाही के चलते रूका हुआ है जब तक यह अध्यक्ष बने रहेगें तो चुरहट नगर पंचायत का विकास संभव नही दिख रहा है ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई कर नगर विकास की राह खोली जाय। खास बात यह है कि अध्यक्ष पति विजय गुप्ता के खिलाफ सीएमओ ने 28 जुलाई 2023 को ही पत्र लिखकर कलेक्टर को सूचित किया था इतना ही नही उनके विरूद्ध विधि अनुसार कार्रवाई करने हेतु 9 अक्टूबर को भी सीएमओ द्वारा पत्र लिखा गया था लेकिन आज तक अध्यक्ष व उनके पति के खिलाफ कोई विधि अनुसार कार्रवाई नही की गई जिसके चलते इनके हौंसले बुलंद हो गए है।