Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में बड़े श्रद्धा-भाव से मनाया जाता है। यह नौ दिवसीय पर्व देवी दुर्गा की पूजा, उपवास और साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इन दिनों यदि मां दुर्गा की विधिपूर्वक उपासना की जाए, तो साधक को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक ग्रंथों में चैत्र नवरात्रि को देवी दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन का सर्वोत्तम समय बताया गया है। यही कारण है कि इन दिनों घरों, मंदिरों और पूजा पंडालों में मां दुर्गा की आराधना का भव्य आयोजन होता है, जिससे वातावरण भक्तिमय और पवित्र हो उठता है।
इस बार 30 मार्च 2025 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जिसका समापन 6 अप्रैल 2025 को होगा। इस वर्ष मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जिसे बहुत ही शुभ और कल्याणकारी संकेत माना जाता है। मां का हाथी पर आगमन वर्षा और समृद्धि का प्रतीक होता है। ऐसे में नवरात्रि का पहला दिन पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माना जा रहा है। हालांकि, इस दिन कुछ कार्यों से बचना आवश्यक होता है, ताकि व्रत और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।
नवरात्रि के पहले दिन ये 3 कार्य करने से बचें:
1. मांस-मदिरा का सेवन: नवरात्रि के दौरान सात्विकता का विशेष महत्व होता है। पहले दिन ही मांसाहार, मदिरा या नशे से जुड़ी चीजों का सेवन करने से मां दुर्गा की कृपा नहीं मिलती।
2. झूठ बोलना या कलह करना: इन नौ दिनों में मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखना चाहिए। पहले दिन झूठ बोलना, गाली-गलौच या परिवार में कलह करने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर सकती है।
3. बाल, नाखून या दाढ़ी काटना: नवरात्रि के पहले दिन शारीरिक कटिंग जैसे बाल, नाखून, या दाढ़ी काटना अशुभ माना जाता है। यह कार्य व्रत के दौरान संयम और साधना के नियमों के विरुद्ध होता है।
इन नियमों का पालन कर आप नवरात्रि की साधना को सफल बना सकते हैं और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।