Supreme Court ने Jammu-Kashmir में परिसीमन की चुनौती खारिज की|13 फरवरी 2023

Supreme Court ने Jammu-Kashmir में विधानसभा और संसदीय सीटों के परिसीमन की चुनौती वाली याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि परिसीमन पर उसके फैसले का उन मामलों के एक अलग बैच पर असर नहीं पड़ेगा, जहां संविधान पीठ के समक्ष अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती दी जा रही है.

Supreme Court news Jammu-Kashmir : न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एएस ओका की पीठ ने कहा कि इस फैसले में ऐसा कुछ भी नहीं लगाया जाएगा, जो अनुच्छेद 370 के तहत शक्तियों के प्रयोग की अनुमति देता है. Jammu-Kashmir को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर के विभाजन को अलग-अलग कार्यवाही में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी जा रही है.

अनुच्छेद 370 की शक्तियों के प्रयोग की अनुमति नहीं

Jammu-Kashmir में लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एएस ओका की पीठ ने कहा, ‘हमने यह शर्त दी है कि पुनर्गठन अधिनियम का मुद्दा इस अदालत के समक्ष लंबित है और हमने इसके गुण-दोष के आधार पर कुछ नहीं कहा है. पीठ ने कहा कि इस फैसले में ऐसा कुछ भी नहीं लगाया जाएगा, जो अनुच्छेद 370 के तहत शक्तियों के प्रयोग की अनुमति देता है. अन्यथा यह याचिका खारिज की जाती है.

अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण को भी दी गई है चुनौती

बता दें कि Jammu-Kashmir को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर के विभाजन को अलग-अलग कार्यवाही में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी जा रही है. दिसंबर में, मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के लिए परिसीमन 2026 तक इंतजार नहीं कर सकता क्योंकि इस क्षेत्र में तत्काल लोकतंत्र देने का विचार था.

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Jammu-Kashmir में बढ़ी विधानसभा सीटों की संख्या

पिछले साल 5 मई को तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग ने केंद्रशासित प्रदेशों के नए चुनावी मानचित्र को अंतिम रूप दिया था. इसमें 43 सीटों को हिंदू-बहुल जम्मू और 47 को मुस्लिम-बहुल कश्मीर में रखा गया था. इस प्रकार, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की सीटों को 83 से बढ़ाकर 90 कर दिया गया है. Jammu-Kashmir को मिले विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन को लेकर स्थानीय राजनीतिक दलों ने अपना विरोध दर्ज कराया था

Supreme Court dismisses delimitation challenge in Jammu-Kashmir