पेंशन सिस्टम में बदलाव, NPS छोड़ इतने लोगो ने अपनाया UPS

केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर लोकसभा में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि 30 नवंबर 2025 तक देशभर में 1.22 लाख से अधिक कर्मचारियों ने इस योजना को अपनाया है। इन लाभार्थियों में वर्तमान में सेवा दे रहे कर्मचारी, हाल ही में नियुक्त हुए कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारी सभी शामिल हैं। सरकार के अनुसार यह योजना धीरे-धीरे कर्मचारियों के बीच लोकप्रिय हो रही है।

NPS से UPS की ओर सीमित लेकिन बढ़ती शिफ्ट

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन को बताया कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़े कुल कर्मचारियों में से करीब 4.95 प्रतिशत ने UPS को चुनने का विकल्प इस्तेमाल किया है। सरकार ने UPS को NPS के एक विकल्प के रूप में पेश किया है, ताकि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद अधिक स्थिर, भरोसेमंद और सुनिश्चित पेंशन मिल सके।

वन-टाइम स्विच की सुविधा, तय समय में लेना होगा फैसला

सरकार ने स्पष्ट किया है कि UPS को अपनाने के लिए कर्मचारियों को केवल एक बार स्विच करने का अवसर दिया गया है। यह विकल्प कुछ विशेष परिस्थितियों में ही उपलब्ध होगा, जैसे सेवानिवृत्ति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, सेवा से हटाया जाना या कर्मचारी की मृत्यु। इन स्थितियों में तय समय-सीमा के भीतर UPS को चुनने का फैसला करना अनिवार्य होगा।

सुनिश्चित पेंशन और परिवार के लिए सुरक्षा

यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत पात्र कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट से पहले के औसत मूल वेतन के आधार पर सुनिश्चित मासिक पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा, न्यूनतम सेवा अवधि पूरी करने वाले कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन का प्रावधान भी रखा गया है। योजना में परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फैमिली पेंशन और पात्र मामलों में बच्चों के लिए भी निर्धारित लाभ शामिल किए गए हैं।

जागरूकता बढ़ने पर बढ़ सकती है भागीदारी

सरकार का मानना है कि जैसे-जैसे कर्मचारियों को UPS के फायदों की जानकारी मिलेगी, वैसे-वैसे इस योजना को अपनाने वालों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। सरकार का उद्देश्य है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से अधिक सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराया जा सके।

OPS पर सरकार का स्पष्ट रुख

इसी दौरान वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में यह भी साफ कर दिया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को दोबारा लागू करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मंत्रालय के लिखित जवाब में कहा गया कि जो कर्मचारी NPS या UPS के अंतर्गत आते हैं, उन पर OPS लागू नहीं की जाएगी।

राज्यों को NPS फंड लौटाने की अनुमति नहीं

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर OPS को फिर से लागू किया हो, लेकिन मौजूदा नियमों के तहत NPS के अंतर्गत जमा किए गए कॉर्पस को केंद्र सरकार या कर्मचारियों को लौटाने की अनुमति नहीं है। यानी राज्य सरकारें OPS लागू कर सकती हैं, लेकिन NPS फंड की वापसी का कोई प्रावधान नहीं है।

UPS को बताया गया OPS का व्यावहारिक विकल्प

सरकार ने दोहराया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए UPS को NPS के विकल्प के रूप में पेश किया गया है। इस योजना में सुनिश्चित पेंशन, न्यूनतम पेंशन और पारिवारिक पेंशन जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। UPS के तहत रिटायरमेंट से पहले के औसत वेतन के आधार पर पेंशन तय की जाती है, जिससे कर्मचारियों को भविष्य में स्थिर और सुरक्षित आय सुनिश्चित हो सके।