छत्तीसगढ़ ने देखी इंदौर की सफाई, महापौर ने दिखाया अपना ‘क्लीन-ग्रीन-इंदौर’  मॉडल

इंदौर के लिए फिर एक बार  फिर गौरव का दिन आया है। यहां छत्तीसगढ़ से आए एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने शहर की स्वच्छता और नवाचार को देखा। जिसका उद्देश्य यह था कि “कैसे इंदौर लगातार सात वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है”। प्रतिनिधी मंडल ने इंदौर शहर के हर सड़क, हर मोहल्ले में सफाई देखी। इसके साथ ही  प्रतिनिधिमंडल ने स्मार्ट सिटी कार्यालय से लेकर आधुनिक कचरा प्रबंधन केंद्रों तक का दौरा किया। ‘नो कार डे’, डिजिटल ट्रैकिंग से लेकर ग्रीन और सोलर प्रोजेक्ट्स तक हर पहल इंदौर की दूरदृष्टि का उदाहरण बनी।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने किया स्वागत
सिटी विज़िट के अंत में प्रतिनिधियों की मुलाकात महापौर पुष्यमित्र भार्गव से हुई। महापौर ने पारंपरिक तरीके से सभी का स्वागत किया और इंदौर के सफाई मिशन को दिल खोलकर प्रतिनिधी मंडल ने प्रोजेक्ट को साझा किया। उन्होंने बताया कि सिर्फ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट या इंडस्ट्रियल प्रोसेस ही नहीं, बल्कि शहर के नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी ही है जिसने इंदौर को इस ऊंचाई पर पहुंचाया है। उन्होंने यह भी बताया कि शहर की AQI में 60% की गिरावट दर्ज की गई है यह  एक मिसाल जो पूरे देश के लिए प्रेरणा है।

सीईओ ने दिया प्रभावशाली प्रेजेंटेशन
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ दिव्यांक सिंह ने प्रतिनिधियों के सामने एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें बताया गया कि कैसे इंदौर में इवैलुएटिव मैकेनिज्म, रिसोर्स मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी के मेल से सफाई एक जनांदोलन बन चुकी है। यहां पर ‘नो कार डे’, ‘भट्टी फ्री मार्केट’, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम, सोलर एनर्जी पर आधारित गारबेज कलेक्शन व्हीकल्स और मशीन-आधारित कचरा प्रबंधन जैसे अनूठे प्रयोगों को देखकर प्रतिनिधिमंडल दंग रह गया।

एनजीओ और जनप्रतिनिधियों का अनूठा समन्वय
महापौर ने यह भी स्पष्ट किया कि इंदौर की सफलता में एनजीओ, जनप्रतिनिधि और आमजन के बीच की साझेदारी भी एक मजबूत सेतु की तरह है। उन्होंने कहा कि “यहाँ नेताओं के बड़े-बड़े होर्डिंग्स की जगह, साफ-सुथरी सड़कें और बेहतर सुविधाएं जनता का दिल जीतती हैं।”

ऊर्जा संरक्षण में भी इंदौर सबसे आगे
इंदौर अब केवल सफाई में ही नहीं, ग्रीन एनर्जी की ओर भी कदम बढ़ा चुका है। महापौर ने बताया कि शहरवासियों की जागरूकता से केवल दो माह में 1.5 करोड़ यूनिट बिजली की बचत हुई है।  जो कि पर्यावरण की दृष्टि से लगभग 18 हजार पेड़ों के बराबर है।

नगर निगम ने की आय वृद्धि पर चर्चा
छत्तीसगढ़ प्रतिनिधिमंडल ने जब नगर निगम की आय और PPP मॉडल को लेकर सवाल पूछे, तो महापौर ने बताया कि जब नागरिकों को उत्कृष्ट सेवाएं मिलती हैं, तो वे टैक्स देने में भी पीछे नहीं हटते। उन्होंने बताया कि PPP मॉडल तभी कारगर होता है जब उसका केंद्र बिंदु “जनहित” हो।

महापौर करते है हर सप्ताह तीन वार्डो का दौरा
जब पूछा गया कि महापौर की जिम्मेदारियां क्या होती हैं, तो पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि वे हर सप्ताह तीन वार्डों का दौरा करते हैं, आम नागरिकों से संवाद करते हैं, प्रशासनिक समीक्षा बैठकें करते हैं, और साथ ही शहर के डिजिटलाइजेशन और सोलर सिटी अभियान में नागरिकों को जागरूक करने का कार्य भी निरंतर करते हैं

प्रतिनिधी मड़ल ने कहा इंदौर से मिली प्रेरणा
छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने इंदौर मॉडल को ‘प्रेरणास्रोत’ बताते हुए कहा कि वे यहां से मिले अनुभवों को अपने-अपने शहरों में भी लागू करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने माना कि इंदौर में प्रशासन और जनता का तालमेल अद्वितीय है और यही इसे सबसे अलग बनाता है।