यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आगामी 5 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक दमोह जिले के सिंग्रामपुर में होगी, जो रानी दुर्गावती के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक प्रयास है, क्योंकि सिंग्रामपुर उनकी ऐतिहासिक राजधानी रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस वर्ष दशहरा शस्त्र पूजन के साथ मनाया जाएगा, जिसमें सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों के पुलिस शस्त्रागार में शस्त्र पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री स्वयं महेश्वर में, जो लोकमाता अहिल्या देवी की राजधानी थी, शस्त्र पूजन करेंगे।
इसके साथ ही, प्रदेश में सोयाबीन उपार्जन की प्रक्रिया शुरू हो रही है, और मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों व जनप्रतिनिधियों से अधिक से अधिक किसानों का नामांकन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया, ताकि गुणवत्ता वाली उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा सके।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि इस वर्ष दशहरा का पर्व विशेष रूप से शस्त्र पूजन के साथ मनाया जाएगा। प्रदेश के सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों के पुलिस शस्त्रागार में शस्त्र पूजन करेंगे, जो सुरक्षा और सैन्य परंपराओं के प्रति सम्मान का प्रतीक है। मुख्यमंत्री स्वयं महेश्वर में, जो लोकमाता अहिल्या देवी की राजधानी रही है, शस्त्र पूजन करेंगे। यह आयोजन प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और सुरक्षा के प्रति सजगता को बढ़ावा देने वाला होगा, जो राज्य की गौरवशाली परंपराओं से जुड़ाव को भी दर्शाता है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के किसानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें सोयाबीन उपार्जन योजना पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि सोयाबीन उपार्जन के लिए नामांकन प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। उन्होंने सभी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक किसानों का नामांकन सुनिश्चित कराएं, ताकि उनकी उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा सके। इस योजना के तहत किसानों से गुणवत्ता वाला सोयाबीन उपार्जित किया जाएगा, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य मिल सके। यह निर्णय राज्य सरकार की किसानों की भलाई और प्रदेश के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।