मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ‘एक बगीया मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत पौधारोपण किया। इसके साथ ही लोगों से अपील की है कि वे भी अपनी माताओं के नाम एक पौधा लगाएं और उसे बड़ा कर पेड़ बनाएं। इस अभियान के तहत लगाए गए पौधौ का ख्याल इस तरह रखे जिस तरह से एक मां अपने बच्चों का ख्याल रखती है। हम तभी पूरे प्रदेश को हरा-भरा बना सकते है जब पौधारोपण के साथ उसका ख्याल तब तक रखा जाएं जब तक पेड़ को स्वयं प्रकृति से पर्याप्त पोषण लेने में कोई परेशानी ना आएं। यहां आयोजित कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव से स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि
जीवन देने वाली हवा वायु बिखर जाए, ऐसा नहीं होने देना है। इसके लिए प्रदेश में पौधारोपण की नई परंपरा सुखद होगी। शासन ने एक बगिया माँ के नाम से पर्यावरण को सर्वोपरी मानते हुए नई संकल्पना प्रारम्भ की है। ये हमारी भारतीय परंपरा ही है जो बताती है कि सूर्यास्त के बाद किस पौधें को नही छूना नही चाहिए। किस पेड़ के नीचे नही सोना चाहिए। ऐसी परंपरा का निर्वहन और उसको आगे बढ़ाने का कार्य शासन द्वारा किया जा रहा है। माँ की बगिया से प्रदेश को पर्यावरण की दिशा में बेहतर परिणाम मिलेंगे। केसर बाग स्थित आयोजित कार्यक्रम में एक बगिया माँ के नाम के भूमिपूजन के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव संबोधित कर रहें है।
बता दें कि मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ी घोषणा की है। प्रदेश में मनरेगा के माध्यम से “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना चलाई जाएगी। परियोजना के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व सहायता समूह की पात्र महिलाओं की निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे जो महिलाओं की आर्थिक तरक्की का आधार बनेंगे।
30 हजार एकड़ निजी भूमि पर किया जाएगा पौधारोपण
प्रदेश की स्व-सहायता समूह की 30 हजार से अधिक महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर ‘’एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत पौधरोपण किया जाएगा। लगभग 1000 करोड़ रुपए की लागत से आजीविका संर्वद्धन के लिए 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण कर फलोद्यान का विकास किया जाएगा।परियोजना के तहत हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही उद्यान के विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
15 अगस्त से शुरू होगा अभियान
“एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत फलदार पौधारोपण का कार्य प्रदेश में 15 अगस्त से अभियान के रूप में शुरू होगा जो 15 सितंबर तक चलेगा।