मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को इंदौर के प्राणी संग्रहालय (चिड़ियाघर) पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संग्रहालय में मौजूद वन्य प्राणियों की विविधता और संरक्षण संबंधी व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री के आगमन पर वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें संग्रहालय की विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं की जानकारी दी।
प्राणी संग्रहालय को मिली किंग कोबरा की सौग़ात
मुख्यमंत्री की इस विशेष यात्रा के दौरान प्राणी संग्रहालय को एक अनोखी सौगात भी मिली—किंग कोबरा। यह दुर्लभ और विषैला सर्प अब संग्रहालय की नई पहचान बनेगा। संग्रहालय में आने वाले दर्शकों को अब किंग कोबरा को देखने का अवसर मिलेगा, जिससे लोगों में सांपों के प्रति जागरूकता और समझ भी बढ़ेगी।
सीएम ने स्नेक हाउस और बर्ड हाउस का किया दौरा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संग्रहालय में स्थित स्नेक हाउस और बर्ड हाउस का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां रखे गए सर्पों और पक्षियों की प्रजातियों को देखा और उनके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन हिस्सों में और सुधार कर आमजन के लिए अधिक रोचक और शैक्षणिक बनाया जाए।
वन्य प्राणियों की प्रजातियों को बढ़ाने के प्रयासों की सराहना
मुख्यमंत्री ने वन्य प्राणियों के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए कहा कि वन्य जीवन केवल पर्यावरण संतुलन के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और जैविक विरासत का भी हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा इन प्रजातियों को संरक्षित करने और बढ़ाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी इनका अनुभव हो सके।
लॉयन और टाइगर को अगली बार देखने की इच्छा जताई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हंसते हुए कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के चलते वे पूरा संग्रहालय नहीं घूम पाए हैं, लेकिन अगली बार जब भी अवसर मिलेगा, वे संग्रहालय के शेर (लॉयन) और बाघ (टाइगर) को जरूर देखने आएंगे। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को ऐसी जगहों पर लाकर प्रकृति और वन्य जीवन से जोड़ें।