Child Health Care: अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को खाना खिलाने के लिए मोबाइल फोन का सहारा लेते हैं, ताकि बच्चा आराम से खाना खा सके। लेकिन यह आदत धीरे-धीरे बच्चे के लिए एक समस्या बन सकती है। जब बच्चा खाना खाते समय फोन देखता है, तो उसकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, फोन के साथ खाना खाने से बच्चों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पाचन पर प्रभाव
खाना खाते समय फोन पर ध्यान देने से बच्चे के खाने की आदतें प्रभावित हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस आदत से बच्चा या तो अधिक खाता है या कम। यदि बच्चा अधिक खाता है, तो उसे मोटापे का खतरा हो सकता है, और अगर कम खाता है, तो वह कुपोषण का शिकार हो सकता है। इसके अलावा, फोन पर ध्यान देने से बच्चा ठीक से खाना चबाता नहीं है, जिससे उसका पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है। इसका परिणाम पाचन संबंधी समस्याओं, जैसे अपच और गैस, के रूप में सामने आ सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
फोन पर ध्यान केंद्रित करने से न केवल बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि उनका मानसिक स्वास्थ्य भी कमजोर हो सकता है। जब बच्चा खाना खाते समय फोन देखता है, तो उसका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, क्योंकि वह सही तरीके से खाने पर ध्यान नहीं देता। इससे बच्चे के शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता और हार्मोनल असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बच्चों के विकास पर प्रभाव
अगर बच्चे को खाने के दौरान फोन दिखाया जाता है, तो उसका समुचित विकास प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, फोन का अत्यधिक उपयोग बच्चों के सामाजिक कौशल और शारीरिक विकास पर बुरा असर डालता है। इससे उनका वजन और लंबाई सही तरीके से नहीं बढ़ पाते, और वे पोषण की कमी का सामना कर सकते हैं। सही विकास न होने के कारण बच्चों को शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बच्चों को फोन की आदत से कैसे छुड़ाएं?
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को खाना खाते समय फोन का इस्तेमाल न करने दें। यह आदत धीरे-धीरे बदलनी चाहिए, ताकि बच्चे को इसका असर न पड़े। माता-पिता को बच्चों को समझाना चाहिए कि फोन का अत्यधिक उपयोग उनकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसके अलावा, माता-पिता बच्चों को अपने हाथों से खाना खिलाने की कोशिश कर सकते हैं, जिससे बच्चे का ध्यान खाना खाने पर रहे और उनकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़े। यदि समस्या बनी रहती है, तो परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।