Ujjain News : उज्जैन और उसके आसपास के इलाकों में पतंगबाजी का शौक अब बिजली व्यवस्था और आम लोगों की जान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) ने चाइनीज मांझे को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है।
कंपनी का कहना है कि यह मांझा किसी ‘बम’ से कम नहीं है, खासकर जब यह एक्स्ट्रा हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों के संपर्क में आता है।
एमपी ट्रांसको के अनुसार, पतंगबाजी के दौरान इस्तेमाल होने वाला चाइनीज मांझा 132 केवी और 220 केवी की बड़ी ट्रांसमिशन लाइनों में फंसकर न केवल बिजली आपूर्ति ठप कर रहा है, बल्कि इससे पूरे ट्रांसमिशन नेटवर्क की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। यह स्थिति पतंग उड़ाने वालों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है।
धात्विक लेप बनाता है इसे खतरनाक
एमपी ट्रांसको उज्जैन के कार्यपालन अभियंता धन सिंह भलावी ने इस खतरे के तकनीकी पहलुओं को समझाया। उन्होंने बताया कि चाइनीज मांझे पर धात्विक (मेटालिक) लेप होता है, जो इसे बिजली का बहुत अच्छा सुचालक (कंडक्टर) बना देता है।
जब यह मांझा हाई-वोल्टेज लाइनों से टकराता है, तो लाइन ट्रिपिंग, फ्लैशओवर और शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाएं होती हैं। इसका असर इतना व्यापक होता है कि इंसुलेटर, जम्पर और कंडक्टर जैसे महंगे और संवेदनशील उपकरण क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। नतीजा यह होता है कि एक बड़े क्षेत्र में बिजली गुल हो जाती है और मरम्मत में काफी समय व संसाधन लगते हैं।
इन इलाकों में सबसे ज्यादा खतरा
उज्जैन शहर के कुछ इलाकों को बिजली कंपनी ने बेहद संवेदनशील माना है। पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर में 132 केवी लाइनों पर कम से कम दो बार बड़ी ट्रिपिंग और कुछ विद्युत दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं।
विशेष रूप से पंवासा क्षेत्र से गुजरने वाली 132 केवी उज्जैन-रतड़िया और 132 केवी उज्जैन-भैरूगढ़ लाइनों के आसपास स्थिति चिंताजनक है। यहां लाइनों के नीचे और आसपास बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हो चुके हैं।
कंपनी ने प्रतापनगर, महावीरनगर, पंवासा, पांड्याखेड़ी, सेठीनगर और वागेश्वर धाम जैसे इलाकों को ‘रेड जोन’ की तरह चिह्नित किया है। इन क्षेत्रों में लाइनों के ठीक नीचे मकान बने होने से हादसे का जोखिम कई गुना बढ़ गया है।
जागरूकता अभियान चलाएगा विभाग
इस समस्या से निपटने के लिए एमपी ट्रांसको अब उज्जैन में एक विशेष जन-जागरूकता अभियान शुरू करने जा रहा है। कार्यपालन अभियंता भलावी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य लोगों को चाइनीज मांझे के खतरों से अवगत कराना है।
नागरिकों को समझाया जाएगा कि वे ट्रांसमिशन लाइनों के आसपास पतंग न उड़ाएं और प्रतिबंधित मांझे का उपयोग पूरी तरह बंद करें। कंपनी ने आम जनता से अपील की है कि वे विद्युत सुरक्षा नियमों का पालन करें और ट्रांसमिशन नेटवर्क की सुरक्षा में सहयोग करें, क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही बड़े हादसे को न्योता दे सकती है।