बिहार चुनाव : बिहार की राजनीति में इन दिनों चिराग पासवान का एक बयान चर्चा में है। उन्होंने राजगीर में एक रैली के दौरान कहा – “मैं बिहार से नहीं, बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा।” इस बात ने सियासी गलियारों में नई हलचल मचा दी है। चिराग का यह बयान सिर्फ एक लाइन नहीं, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने वाला बड़ा इशारा माना जा रहा है।
यह बात उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ‘बहुजन भीम संकल्प समागम’ रैली में कही। उसी मंच से चिराग ने यह भी ऐलान किया कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इससे यह साफ होता है कि वे अब सिर्फ सहयोगी की भूमिका में नहीं, बल्कि बड़ी सियासी भूमिका में उतरने को तैयार हैं।
एक बार फिर ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा
उनका पुराना नारा ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ एक बार फिर गूंजा, लेकिन इस बार उसका अंदाज़ और मंच दोनों अलग थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में 5 सीटें जीतकर चिराग पासवान ने अपनी राजनीतिक ताकत साबित की थी। अब वह बिहार चुनाव के राजनीति में और बड़ा दांव खेलने जा रहे हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि जब चिराग कहते हैं कि वह किसी एक सीट से नहीं, बल्कि “बिहार के लिए” चुनाव लड़ेंगे, तो इसका मतलब यह भी हो सकता है कि उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। चाहे वह इसे सीधे तौर पर कहें या न कहें।
चिराग के स्वागत को तैयार है बिहार
हालांकि चिराग बार-बार यह दोहराते हैं कि नीतीश कुमार ही NDA के नेता हैं और मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है। लेकिन उनके समर्थकों के पोस्टर और नारे, जैसे “चिराग के स्वागत को तैयार है बिहार” कुछ और ही संकेत देते हैं। उनके जीजा और जमुई सांसद अरुण भारती ने भी इशारा किया कि चिराग किसी सामान्य सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
मई 2025 के एक सर्वे के मुताबिक, चिराग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, जिससे नीतीश और तेजस्वी दोनों को टक्कर मिल सकती है। अब देखना यह है कि क्या चिराग पासवान वाकई बिहार की राजनीति को नया मोड़ देंगे?