अनोखा मंदिर: एक सिगरेट से मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं Baba Bhootnath


रिपोर्टर
सृष्टि बिसेन

राऊ क्षेत्र के रंगवासा में स्थित बाबा भूतनाथ ( Baba Bhootnath ) मंदिर एक ऐसा अनोखा स्थान है, जहां भक्तों की मान्यता है कि सिर्फ एक सिगरेट चढ़ाने मात्र से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और बाबा भूतनाथ से अपनी इच्छाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।

गोद भराई का वरदान देते हैं Baba Bhootnath

खास बात यह है कि बाबा भूतनाथ ( Baba Bhootnath ) को गोद भराई का वरदान देने वाला देवता माना जाता है, साथ ही वे विभिन्न बीमारियों के उपचार में भी सहायक माने जाते हैं। भक्त यहां करीब 7 बार हाजिरी लगाते हैं, जिससे उन्हें अपनी समस्याओं और बीमारियों से मुक्ति मिलने की आशा रहती है। मंदिर की यह अनूठी परंपरा और श्रद्धा इसे विशेष बनाती है। बाबा भूतनाथ मंदिर हाल ही में प्रशासन और भक्तों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। यह मंदिर न केवल अपनी चमत्कारी मान्यताओं के लिए जाना जाता है, बल्कि यह गहरी आस्था और श्रद्धा का केंद्र भी है। भक्तों का मानना है कि यहां आने मात्र से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और यही वजह है कि मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। खास बात यह है कि यहां परंपरागत पूजा-पाठ की जगह अनूठी आस्था से जुड़ी परंपराएं, जैसे सिगरेट और शराब का भोग, निभाई जाती हैं।हालांकि, बढ़ती भीड़ और कुछ विशेष परंपराओं के कारण यह मंदिर प्रशासन की नजर में भी आ गया है, और इसकी व्यवस्थाओं को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। बावजूद इसके, भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है, और बाबा भूतनाथ की चमत्कारी छवि आज भी श्रद्धालुओं के दिलों में पूरी तरह बसी हुई है।

प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है सिगरेट

आपको बता दें कि बाबा भूतनाथ को प्रसाद के रूप में सिगरेट चढ़ाई जाती है, जिसे एक अनोखी परंपरा के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि बाबा इस अनोखे प्रसाद से प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यही कारण है कि देशभर से श्रद्धालु अपनी मुराद लेकर बाबा भूतनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचते हैं। आस्था और विश्वास का यह अनोखा संगम इस मंदिर को एक विशेष पहचान दिलाता है।
इस मंदिर में न ही कोई पुजारी और न ही पंडित: खास बात यह है कि बाबा भूतनाथ मंदिर में न तो कोई पुजारी है और न ही कोई पंडित। इस मंदिर की पूरी व्यवस्था सेवादारों द्वारा संचालित की जाती है, जो पूरी श्रद्धा और समर्पण भाव से अपनी सेवाएं देते हैं। ये सेवादार मंदिर में आने वाले भक्तों को मंदिर की विशेषताओं, परंपराओं और मान्यताओं से अवगत कराते हैं। भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर सीधे बाबा के समक्ष पहुंचते हैं और अपनी अर्जी लगाते हैं। यहां कोई धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ पंडितों के माध्यम से नहीं होता, बल्कि आस्था और विश्वास के बल पर भक्त बाबा के चरणों में अपनी प्रार्थना अर्पित करते हैं। यही सरलता और अनोखी परंपरा इस मंदिर को खास बनाती है।

महिलाओं की होती है गोद भराई

बाबा भूतनाथ मंदिर में महिलाओं की गोद भराई की रस्म भी बड़ी आस्था के साथ निभाई जाती है। यहां आने वाली महिलाओं को एक विशेष जल दिया जाता है, जिसका सेवन उन्हें लगातार 21 दिनों तक करना होता है। इस दौरान महिलाओं को कुछ नियमों और परहेज़ों का सख्ती से पालन करना पड़ता है। निसंतान दंपत्ति मंदिर में आकर संतान प्राप्ति की मन्नत मांगते हैं और मंदिर परिसर की चारों ओर लगी जालियों पर मन्नत के धागे बांधते हैं। मान्यता है कि बाबा भूतनाथ की कृपा से यहां कई निसंतान दंपत्तियों की गोद भर चुकी है, और उन्हें संतान सुख प्राप्त हुआ है। भक्तों की ये गवाही इस मंदिर की आस्था को और भी मजबूत करती है।
बाबा भूतनाथ मंदिर की कई अनोखी और आस्था से जुड़ी विशेषताएं हैं, जो इसे खास बनाती हैं: इस मंदिर में बाबा भूतनाथ को सिगरेट और शराब का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा भक्तों की गहरी आस्था का प्रतीक है और मान्यता है कि बाबा इस भोग को स्वीकार कर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

  • देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और बाबा की शरण में आकर लकवा, कैंसर, और संतानहीनता जैसी गंभीर समस्याओं से छुटकारा पाने की मन्नत मांगते हैं।
  • यहां 7 हाजरी लगाने की परंपरा है, जिसमें सात बार बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद भक्तों की मुराद पूरी होती है।
  • यह चमत्कारी मंदिर करीब 200 साल पुराना है। मंदिर के पट सुबह 9 बजे खोले जाते हैं और शाम 6 बजे बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान एक बार बाबा के श्रृंगार के समय एक घंटे के लिए पट बंद रहते हैं।
  • यह मंदिर श्रद्धा और विश्वास का एक जीवंत प्रतीक है, जहां परंपरा और चमत्कार आज भी लोगों को आकर्षित करते हैं।

भूतनाथ बाबा के मंदिर पर यकायक आस्था का सैलाब: भूतनाथ बाबा के मंदिर पर यकायक आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। समीपवर्ती क्षेत्रों के कई प्रसिद्ध मंदिरों की तरह अब राऊ स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर भी भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है। जहां एक ओर आईआईएम के पास स्थित बाल हनुमान मंदिर पर रोज़ाना भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में रिक्शा चालक और आमजन शामिल होते हैं, वहीं दूसरी ओर नखराली ढाणी के पास रजवाड़ी के पीछे स्थित भूतनाथ बाबा के दरबार में अचानक से भक्तों की भीड़ तेजी से बढ़ी है। हालांकि मंदिर पर पिछले एक वर्ष से भक्तों का आना-जाना बना हुआ था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से आस्था का ज्वार एकाएक बढ़ा है। इसकी तहकीकात करने पर कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि यदि कोई सच्चे मन से बाबा के दर पर मन्नत मांगता है, तो उसकी हर कामना शीघ्र ही पूरी होती है। ऐसी ही एक महिला भक्त ने साझा किया कि उनकी दुकान पर ग्राहकी कम हो गई थी और खर्चा संभालना मुश्किल हो रहा था। तब उन्होंने भूतनाथ बाबा की शरण ली। महिला ने बताया कि बाबा से सच्चे मन से अर्जी लगाई और एक सप्ताह के भीतर चमत्कार देखने को मिला—ग्राहकी बढ़ गई और बेटी की परेशानियां भी दूर हो गईं। अब वह नियमित रूप से मंदिर में हाजिरी लगाने आती हैं।
यही विश्वास और अनुभव लोगों की जुबां से जुबां तक फैलता जा रहा है, जिससे यह मंदिर एक नई आस्था का केंद्र बनता जा रहा है। सच ही कहा गया है—भक्ति सच्चे मन से की जाए तो भगवान अवश्य सुनते हैं।

मंदिर के नियम…

राऊ स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर में कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य है। मंदिर प्रतिदिन प्रात: 8 बजे खुलता है और रात्रि 10 बजे पट बंद होते हैं। बाबा का श्रृंगार शाम 4 से 5.30 बजे तक किया जाता है, और संध्या आरती का समय 7.30 बजे निर्धारित है।गर्भगृह में मोजे और बेल्ट पहनकर प्रवेश वर्जित है। साथ ही, बाबा को स्पर्श करना मना है- सिगरेट केवल स्टैंड पर ही लगानी होती है। महिलाएं खुले बालों में मंदिर में प्रवेश न करें और केवल अपने सप्ताह पूरा होने के बाद ही मंदिर आएं, इस नियम का विशेष ध्यान रखें।

  1. फूल-माला चढ़ाना वर्जित है; इसके स्थान पर पूरा नारियल बाबा को अर्पित किया जाता है। अपनी मनोकामना सिगरेट चढ़ाते समय बाबा से मन में कहें और एक नाड़ा मंदिर की जाली में बांधें।
  2. चोला या श्रृंगार करवाना चाहते हैं: मंदिर मंडली से संपर्क करें या मोबाइल नंबर 8871100882 पर कॉल करें। अंतत:, मंदिर के भीतर किसी भी प्रकार की तांत्रिक क्रिया करना पूर्णत: वर्जित है।
  3. पानी की बोतल के हैं नियम: बाबा भूतनाथ मंदिर में पानी की बोतल लेने और उसका उपयोग करने के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।
  4. जिस भी बीमारी या समस्या के लिए आप पानी ले जा रहे हैं, मंदिर के अंदर जाकर पहले बाबा को सिगरेट अर्पित करें और उसी बीमारी से संबंधित अर्जी बाबा के समक्ष मन से लगाएं।
  5. पानी की बोतल 21 दिन तक खत्म नहीं होनी चाहिए। उसमें से थोड़ा-थोड़ा पानी निकालकर पीते रहें और उसी बोतल में समय-समय पर पानी बढ़ाते रहें। जितना अधिक हो सके, उसी बोतल से पानी निकालकर सेवन करें, और बोतल को नियमित रूप से भरते रहें। बोतल में जो फूल-पत्तियां मौजूद हैं, उन्हें दो दिनों के भीतर खा लेना जरूरी है। जिस व्यक्ति के लिए यह पानी लिया गया है, केवल वही व्यक्ति इसे पिए। किसी अन्य को यह पानी न दें। पानी का सेवन करने वाले व्यक्ति को मांसाहार, मदिरा या शराब का सेवन नहीं करना है। संयमित आचरण आवश्यक है।

गोद भराई के नियम…

बाबा भूतनाथ के दरबार से जिन जोड़ों की गोद भराई हुई है, उनके लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि आस्था और श्रद्धा के साथ मनोकामनाएं पूर्ण हो सकें।

  1. गोद भराई के बाद पति-पत्नी को किसी भी प्रकार का मांसाहार, मदिरा या अन्य व्यसन नहीं करना है।
  2. बाबा के धाम से गोद भराई के दौरान जो फल और मिठाई दी जाती है, वह केवल महिला को ही सेवन करनी है।
  3. श्रीफल, फूल, सिक्का और गेहूं को लाल कपड़े में बांधकर घर की छत पर बांधना होता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  4. सुबह और शाम को चार बत्ती का दीपक सरसों के तेल से जलाना अनिवार्य है।
  5. रोज शाम 7.30 बजे बाबा भूतनाथ मंदिर के इंस्टाग्राम पेज पर आने वाली आरती को जोड़े को साथ बैठकर देखना और आरती करनी चाहिए।
  6. 11 दिनों तक प्रतिदिन 250 ग्राम दूध किसी कुत्ते को पिलाना आवश्यक है।
  7. सवा महीने के भीतर अपने कुल भैरव जी के मंदिर जाकर उनका पूजन और श्रृंगार करना जरूरी है।
  8. गोद भराई के बाद अगर प्रगति होती है, तो पुरुष को समय-समय पर मंदिर आकर हाजिरी लगाना चाहिए।
  9. जिन महिलाओं की गोद भराई हुई है, उन्हें मासिक धर्म के दौरान या उस अवस्था में रहने वाली महिलाओं से दूर रहना चाहिए।
  10. अमावस्या के दिन बाबा के मंदिर में उपस्थित होना विशेष फलदायी माना जाता है।