इंदौर में स्वच्छता को नई रफ्तार, महापौर ने आज की कई परियोजनाओं का भूमि पूजन

नगर निगम इंदौर शहर को स्वच्छ, पर्यावरण के अनुकूल और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने की दिशा में लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार, 16 दिसंबर 2025 को प्रातः 11 बजे ट्रेंचिंग ग्राउंड, देवगुराड़िया में महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भूमि पूजन किया जाएगा। इनमें मृत पशुओं के शव के वैज्ञानिक निपटान हेतु प्लांट, एक नया फायर स्टेशन तथा अनुपयोगी कपड़ों के पुनः उपयोग के लिए वेस्ट क्लॉथ प्रोसेसिंग प्लांट शामिल हैं।

कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहेंगे मौजूद

इस अवसर पर निगम आयुक्त  दिलीप कुमार यादव, विधायक मधु वर्मा, महापौर परिषद सदस्य  अश्विनी शुक्ल, राजेंद्र राठौर,  राजेश उदावत सहित कई जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान इन परियोजनाओं की उपयोगिता और शहर के लिए उनके महत्व पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

पीपीपी मॉडल से मजबूत हुआ कचरा प्रबंधन तंत्र

नगर निगम इंदौर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पीपीपी मॉडल पर कचरा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए पहले ही कई आधुनिक प्लांट स्थापित कर चुका है। इनमें बायो-सीएनजी और मेथनाइजेशन प्लांट, साथ ही मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) प्रमुख हैं। इनकी मदद से शहर में उत्पन्न होने वाले गीले और सूखे कचरे का बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जा रहा है। स्वच्छता में नवाचार के लिए पहचान बना चुके इंदौर में थ्री-आर यानी रिड्यूस, रीयूज और रिसायकल की अवधारणा को प्रभावी रूप से लागू किया गया है।

अनुपयोगी कपड़ों के लिए बनेगा प्रोसेसिंग प्लांट

शहर में थ्री-आर कलेक्शन सेंटर और ‘नेकी की दीवार’ के माध्यम से बड़ी मात्रा में एकत्र हो रहे अनुपयोगी कपड़ों के स्थायी समाधान के लिए वेस्ट क्लॉथ प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इस प्लांट में बेकार कपड़ों को प्रोसेस कर धागे के रूप में तैयार किया जाएगा, जिससे उनका दोबारा उपयोग संभव हो सकेगा। अभी तक ऐसे कपड़ों का प्रभावी पुनः उपयोग नहीं हो पा रहा था, जिसे यह परियोजना संभव बनाएगी।

दो करोड़ की लागत से होगा प्लांट का निर्माण

इस वेस्ट क्लॉथ प्रोसेसिंग प्लांट पर लगभग 2 करोड़ रुपये (जीएसटी अलग) का खर्च आने का अनुमान है। इसके लिए भूमि, बिजली और सिविल कार्य नगर निगम द्वारा स्वच्छ भारत मिशन विभाग के माध्यम से कराए जाएंगे। पीपीपी मॉडल के तहत मशीनरी की खरीद, संचालन और रखरखाव चयनित एजेंसी मेसर्स ह्यूमन मैट्रिक्स सिक्योरिटी द्वारा किया जाएगा। एजेंसी अगले 20 वर्षों तक प्लांट का संचालन करेगी और इसके बदले नगर निगम को प्रतिमाह करीब 1.75 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

मृत पशुओं के निपटान के लिए आधुनिक तकनीक

नगर निगम इंदौर मृत पशुओं के शव के निपटान के लिए भी नई और पर्यावरण अनुकूल तकनीक अपनाने जा रहा है। वर्तमान में शवों का निपटान ट्रेंचिंग ग्राउंड में दफनाकर किया जाता है, लेकिन अब इस प्रक्रिया को और अधिक वैज्ञानिक बनाने के लिए अत्याधुनिक मशीन स्थापित की जाएगी, जिसमें शवों को जलाकर निपटान किया जाएगा।

1000 किलो क्षमता वाली मशीन से मिलेगा स्थायी समाधान

इस योजना के तहत 1000 किलोग्राम प्रति बैच क्षमता वाली मशीन स्थापित की जाएगी, जिसके संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी अगले 5 वर्षों तक चयनित एजेंसी निभाएगी। इस परियोजना के लिए मेसर्स माइक्रो टेक्निक कंपनी (अंबाला कैंट, हरियाणा) की करीब 3.04 करोड़ रुपये की निविदा स्वीकृत की गई है। देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड में एजेंसी को भूमि उपलब्ध करा दी गई है और मृदा परीक्षण व ड्राइंग-डिजाइन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज से निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है।

स्वच्छ और आधुनिक इंदौर की ओर बड़ा कदम

नगर निगम द्वारा शुरू की जा रही ये सभी परियोजनाएं शहर को स्वच्छ, पर्यावरण-संवेदनशील और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही हैं। इनके पूर्ण होने से कचरा प्रबंधन और मृत पशुओं के निपटान की समस्या का स्थायी समाधान मिलेगा। साथ ही संसाधनों के पुनः उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और नगर निगम की आय में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।