Cleanliness Survey 2024 : इस बार सफाई की परीक्षा में कई अहम बदलाव

विपिन नीमा, इंदौर

भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने विश्व के सबसे बड़े स्वच्छता सर्वेक्षण ( Cleanliness Survey  ) 2024 के लिए अपनी गतिविधियां बढ़ाना शुरु कर दी है। इस बार सरकार ने नई गाइड लाइन जारी करते हुए स्वच्छता से जुड़ी विभिन्न केटेगिरी में कई अहम बदलाव किए है। इस बार ट्रिपल आर यानी रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल पर भी फोकस किया गया है, जिसमें शहर के हर घर से कचरा एकत्र करके उसका संपूर्ण निस्तारण करने पर निगम प्रशासन काम करेगा और उस कचरे को भी उपयोगी बनाया जाएगा।

Cleanliness Survey में 13 प्रतिशत अंक बढ़ाए

स्वच्छता सर्वेक्षण ( Cleanliness Survey ) में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए 13 प्रतिशत अंक बढ़ा दिए गए हैं, जबकि पिछले सर्वेक्षण में 10 प्रतिशत अंक मिलते थे। इसी प्रकार स्मारकों और पार्कों की साफ सफाई को भी इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया है। सात बार स्वच्छता का खिताब जीतने वाला इंदौर शहर में को आठवीं बार खिताब जीतने के लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरु कर दी है। सम्भवत: इसी माह के अंतिम सप्ताह से भारत सरकार के अफसर सर्वेक्षण के लिए मैदान में उतर जाएंगे। इंदौर नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा और महापौर पुष्यमित्र भार्गव रोज शहर की सफाई व्यवस्थाओं को लेकर बैठकें ले रहे है और मौके पर पहुंचकर सफाई व्यवस्था देख रहे है। पूर्व कमिश्नर मनीष सिंह, आशीष सिंह, प्रतिभा पाल और हर्षिका सिंह इंदौर को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभा चुके है। इस बार निगम कमिश्नर शिवम वर्मा के लिए चुनौती है।

इस बार 9500 अंकों का होगा Cleanliness Survey

2016 में 73 प्रमुख शहरों के मामूली मूल्यांकन से शुरू होकर और वर्तमान संस्करण में 4477 शहरों तक अपनी पहुंच बढ़ाते हुए, स्वच्छ सर्वेक्षण का परिमाण तेजी से बढ़ा है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 का ध्यान अपशिष्ट को मूल्यवान संसाधनों में बदलने पर केंद्रित था और इसका मूल्यांकन 3,000 से अधिक मूल्यांकनकतार्ओं की टीम द्वारा किया गया था। इस बार का सर्वेक्षण 9500 अंकों का होगा। इसमें 14 प्रतिशत जन आंदोलन, 26 प्रतिशत प्रमाणीकरण और 60 प्रतिशत सेवा है।

रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल की थीम तय

शहरी विकास मंत्रालय ने इस बार सफाई की यह परीक्षा रि-साईकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज (आरआरआर) थीम पर तय की है। इस बार कॉलोनियों में बैकलेन यानी घरों के पीछे वाली गलियों में सफाई नहीं हुई तो नंबर कट सकते हैं। बैक लेन को उपयोग लायक बनाना अनिवार्य होगा ताकि यहां बच्चे इनका उपयोग खेल गतिविधियों में कर सकें।

इसलिए इंदौर आता है फर्स्ट

इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर है, क्योंकि यहाँ पर कचरे को अलग-अलग रखने, उसे बदलने और निपटाने की अच्छी योजना बनाई गई है। इंदौर को भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में पहले स्थान पर रखा गया है। जब इस शहर के पर्यटक आकर्षणों जैसे कि राजवाड़ा, लालबाग पैलेस, सराफा चौपाटी , 56 दुकान को देखने जाते हैं, तो इन स्थानों पर सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इन स्थलों पर सफाई कर्मी हमेशा तैनात रहते है। इसलिए इन स्थलों पर कभी गंदगी नहीं मिलेगी। शहर के चारों तरफ निगम की कचरा गाडिय़ा सुबह शाम दौड़ती रहती है। इसी कारण इंदौर सफाई में नम्बर वन आता है।

येलो स्पॉट पर सर्वाधिक 18 फीसदी अंक बढ़ाए

सरकार व्दारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक येलो स्पॉट पर सर्वाधिक नम्बर तय किए गए है। येलो स्पॉट से आशय है की सार्वजनिक मूत्रालय (सुविधाघर) स्वच्छ और व्यवस्थित रखना है। इस साल होने वाले सर्वेक्षण में येलो स्पॉट के लिए 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत अंक बढ़ाये गए है। यानी सर्वे के दौरान अगर सुविधाघर स्वच्छ और व्यवस्थित पाया गया तो उसे 18 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे। इसी प्रकार रेड स्पॉट से आशय है सार्वजनिक स्थलों पर पान व गुटखा की पीक नहीं रहे। इसके भी अंक प्रतिशत में वृध्दि की गई है।

निगम कमिश्नर के लिए चुनौती

इंदौर सात बार सफाई का खिताब जीत चुका है। शहर की सफाई में सफाई कर्मियों की प्रमुख भूमिका रही। वहीं निगम कमिश्नर और निगम के अफसरों का भी महत्वपूर्ण रोल रहता है। अफसरों के लिए सुबह जल्दी उठकर सफाई व्यवस्था देखने शहर के अलग अलग क्षेत्रों का दौरा करना पड़ता। निगम कमिश्नर शिवम वर्मा लगातार सुबह सुबह दौरा करके सफाई व्यवस्था देख रहे है। इस बार स्वच्छता में उनके लिए बड़ी चुनौती रहेगी।

इस बार इन कैटेगरी में बढ़ाए अंक प्रतिशत…

  1. पृथक डोर-टू-डोर संग्रहण के लिए अंक 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत कर दिए गए।
  2. शून्य अपशिष्ट कार्यक्रम के लिए अंक 2त्न से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया तथा एस एल पी में स्थानांतरित कर दिया गया।
  3. प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अंक 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया।
  4. संकेतक जोड़ा गया – एनसीसी कैडेट्स, एनवाईकेएस, एनएसएस को स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित स्मारकों और पार्कों की साफ-सफाई और रखरखाव में लगाया जाएगा।
  5. सतत स्वच्छता घटक के अंतर्गत दिव्यांग अनुकूल शौचालयों के लिए अंक 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किया।
  6. 2 प्रतिशत वेटेज के साथ ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क पर संकेतक पेश किया गया
  7. बैकलेन की सफाई के लिए अंक 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 3त्न कर दिए गए
  8. स्वच्छता ऐप संकेतकों के अंतर्गत ‘येलो स्पॉट्स’ के लिए अंक 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिए गए।
  9. सार्वजनिक क्षेत्रों की सफाई के अंतर्गत ‘लाल धब्बों’ (वाणिज्यिक/आवासीय क्षेत्रों में थूकना) पर संकेतक पेश किया गया।
  10. स्वच्छ वार्ड सूचक के अंतर्गत नागरिक आवाज घटक के अंक 1त्न से बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिए गए हैं।