जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोटी गांव में बादल फटने से भीषण तबाही हुई। मचैल माता यात्रा में शामिल कई लोग बह गए। करीब 10 लोगों की मौत की आशंका है। प्रशासन व स्थानीय लोग रेस्क्यू में जुटे हैं। यात्रा हर साल अगस्त में हजारों श्रद्धालुओं के साथ आयोजित होती है।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही आ गई है। गुरुवार दोपहर 12:30 बजे आई इस प्राकृतिक आपदा में कई लोग चपेट में आ गए हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार लगभग 10 लोगों के मारे जाने की आशंका है। अभी तक प्रशासन की तरफ मरने वालों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।
रेस्क्यू आपरेशन शुरू
किश्तवाड़ा जिले के पड्डर सब-डिवीजन के चशोटी गांव में बादल फटने से पहाड़ से पानी व मलबा बहता हुआ आया, जिसमें मचैल माता मंदिर की धार्मिक यात्रा के लिए जुटे लोग बह गए। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है, जिसमें स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं।
हर साल अगस्त में होती है तीर्थयात्रा
हर साल अगस्त के महीने में मचैल माता तीर्थयात्रा शुरू होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलने वाली इस यात्रा में पद्दर से चशोटी तक के 19.5 किमी की यात्रा गाड़ियों की जाती है। उसके बाद मचैल तक 8.5 किमी का यात्रा पैदल ही हो पाती है।
हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी
किश्तवाड़ के चशोती इलाके में अचानक आई बाढ़ के बारे में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा का फोन आया कि उनके क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बादल फटा है। यह लोकप्रिय मचैल माता यात्रा का मार्ग भी है, जो यहीं से निकलती है।