सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया 6वें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ, 5 देशों के प्रतिनिधि हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नर्मदापुरम में छठवें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। इस कॉन्क्लेव में न केवल नर्मदापुरम, बैतूल और हरदा के उद्योगपति भाग ले रहे हैं, बल्कि देश भर और कनाडा, मेक्सिको, नीदरलैंड, वियतनाम, और मलेशिया जैसे देशों के प्रतिनिधि भी उपस्थित हैं। कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योग और निवेश को बढ़ावा देना है, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव उद्योगपतियों से चर्चा करेंगे और नवीन उद्योग स्थापित करने के लिए रणनीतियों पर विचार करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वर्ष 2025 को “औद्योग एवं रोजगार वर्ष” घोषित करते हुए इसे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण वर्ष बनाने का संकल्प लिया।

मध्य प्रदेश की छठवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आज से नर्मदापुरम जिले में शुरू हो गई है। इस कॉन्क्लेव में कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा, कपड़ा और परिधान सहित “एक जिला, एक उत्पाद” योजना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कॉन्क्लेव के तहत तीन क्षेत्रीय सत्रों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें विभिन्न उद्योग क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन सत्रों में नए अवसरों और चुनौतियों पर विचार किया जाएगा, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिल सके। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर उत्पादन और निवेश को प्रोत्साहित करना है, साथ ही नर्मदापुरम और आसपास के क्षेत्रों को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करना है।

छठवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए जा रहे हैं

1. पहला सत्र
यह सत्र बांस और सागौन की लकड़ी के व्यवसाय में अवसर पर केंद्रित है। इसमें इन संसाधनों का उपयोग कर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में व्यावसायिक संभावनाओं को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।

2. दूसरा सत्र
यह सत्र एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) पर केंद्रित है, जिसमें निर्यात कैसे शुरू करें पर विशेष जानकारी दी जाएगी। सत्र का उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच बनाने में मदद करना है।

3. तीसरा सत्र
यह सत्र पर्यटन क्षेत्र में अवसर पर आधारित है। इसमें पर्यटन क्षेत्र में निवेश, स्थानीय स्थलों के विकास और रोजगार के अवसरों पर चर्चा की जाएगी।

ये सत्र राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक और औद्योगिक विकास को गति देने के लिए उपयोगी साबित होंगे। छठवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में कुल 60 स्टाल विभिन्न उत्पादों के प्रदर्शन के लिए लगाए गए हैं। इन स्टालों में ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद), स्थानीय उद्यमियों और व्यवसायों के उत्पाद और सेवाएं प्रदर्शित की जा रही हैं, जिससे उन्हें अपने उत्पादों को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने का अवसर मिल रहा है।

इसके अलावा, व्यापार संघों और सरकारी विभागों के 16 से अधिक प्रदर्शनी स्टाल वाले एक व्यापार संवर्धन केंद्र की स्थापना की गई है। यह केंद्र विभिन्न संस्थानों के बीच संवाद को बढ़ावा देगा और व्यापार के नए अवसरों को प्रोत्साहित करेगा। इससे व्यापारियों, उद्योगपतियों और सरकारी अधिकारियों के बीच सहयोग और नेटवर्किंग के अवसर बढ़ेंगे, जिससे व्यापार और उद्योग के विकास में मदद मिलेगी।

छठवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में प्रमुख विभागों और संस्थाओं का योगदान महत्वपूर्ण है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं

1. मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC)
2. मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC)
3. मध्य प्रदेश एमएसएमई
4. विदेश व्यापार निदेशालय (DGFT)
5. सीमा शुल्क विभाग
6. मध्य प्रदेश हस्तशिल्प विकास निगम
7. रेशम उत्पादन निदेशालय
8. मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग
9. भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ
10. मध्य प्रदेश स्टॉकहोल्डिंग कॉर्पोरेशन
11. भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल
12. कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA)
13. CGST
14. शहरी विकास विभाग
15. भारतीय स्टेट बैंक
16. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

इन विभागों और संस्थाओं का मुख्य उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास, निर्यात, पर्यटन, कृषि, हस्तशिल्प और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है। वे इस कॉन्क्लेव के दौरान व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सत्रों और प्रदर्शनी स्टालों के माध्यम से मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर रहे हैं।