सीएम हिमंत सरमा का खुलासा, असम की बड़ी जमीन पर अवैध कब्जा

सीएम हिमंत सरमा : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य की लगभग 10 लाख एकड़ जमीन पर अवैध बांग्लादेशी और संदिग्ध लोगों का कब्जा है। 2021 में उन्होंने दरंग जिले के गोरुखुटी में जमीन से कब्जा हटाने का काम शुरू किया था। लेकिन विदेशों से दबाव आने की वजह से यह काम रोकना पड़ा। इस अभियान में 25,500 एकड़ जमीन कब्जे से खाली कराई गई थी। इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में दो लोग मरे, जिनमें एक 12 साल का बच्चा भी था।

हिमंत सरमा बोले: जमीन खाली कर वन क्षेत्रों में पौधारोपण

मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा कि चार साल में उन्होंने 1.29 लाख बीघा जमीन खाली कराई है, जो अब सार्वजनिक कामों में इस्तेमाल हो रही है। उन्होंने बोरसोल्ला, लुमडिंग और अन्य जगहों पर भी सख्त कदम उठाए। खाली जमीन पर पौधारोपण किया जा रहा है, जिससे हाथी, गैंडा और बाघ वापस आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी 29 लाख बीघा जमीन पर अवैध कब्जा है, लेकिन वे इसे भी मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सीएम सरमा का कड़ा बयान

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई सोचता है कि दो-तीन अभियानों के बाद वे डर जाएंगे या झुक जाएंगे, तो वह गलत सोच है। वे सीधे सामने वालों की आंखों में आंखें डालकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि असम आंदोलन के शहीदों का हिसाब जरूर चुकाया जाएगा। 1983 से 1985 के बीच आंदोलन के समय लोगों में हार की भावना थी और कई लोग कांग्रेस के सामने समर्पण कर गए थे, जिससे असम की राजनीति बदल गई थी।

सरमा बोले, पहले हम साथ रहने को मानते थे

सीएम सरमा ने कहा कि पहले हमने माना था कि हमें साथ-साथ रहना होगा। उन्होंने कहा कि शंकर-माधव की जगह अब शंकर-अजान कहने लगे हैं। शंकरदेव और माधवदेव असम के पूज्य संत हैं, जबकि अजान पीर मुस्लिम संत थे। गोरुखुटी का अभियान बहुत जरूरी था, हालांकि अंतरराष्ट्रीय दबाव भी आया। लेकिन असम के लोग रुकें नहीं और संघर्ष जीतना सीख गए। अब जब असम की जमीन पर कब्जे की बात होती है, तो अवैध लोग खुद हट जाते हैं।