विवादों के चलते 9 माह में हटाए गए दो दर्जन जिलों के collectors

स्वतंत्र समय, भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रशासन को चुस्त-दुरूस्त करने के लगातार प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले जिलों में पदस्थ किए गए कलेक्टरों ( collectors )में से अब तक 32 कलेक्टरों को बदला जा चुका है। इनमें से अधिकांश कलेक्टरों को विवाद के कारण हटाया गया। जबकि मोहन सरकार बनने के 9 महीने बाद अभी भी 22 जिलों में पुराने ही कलेक्टर काम संभाल रहे हैं।

इन वजहों से हटाए गए ये collectors

जिन विवादों के चलते कलेक्टरों ( collectors  ) को हटाया गया, उनमें लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में बुद्धेश कुमार वैद्य को विदिशा कलेक्टर बनाया गया, पांच माह में ही उन्हें हटा दिया गया। इसका कारण क्षेत्र के धर्मस्थल बीजामंडल को पुरातात्विक का हिस्सा मानते हुए मस्जिद बताया गया। क्षितिज सिंघल जनवरी 2023 में सिवनी कलेक्टर बनाए गए और जुलाई 2024 में हटा दिया गया। इनके हटाने की वजह गोवंश के कटे सिर मिलना। ऐसी 4 घटना दो दिन में हुई। अब वे मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी के एमडी हैं। इसी तरह स्वतंत्र कुमार सिंह फरवरी 2024 में आयुक्त वाणिज्यिक कर इंदौर बनाए गए और जुलाई में हटा दिए गए। वे पहले से ही लंबे समय से लूपलाइन में थे।

केंद्रीय मंत्री की नाराजगी बनी बैंस की वजह

इकबाल सिंह बैंस के मुख्य सचिव रहते पुत्र अमनबीर को फरवरी 2021 में बैतूल कलेक्टर बनाया। दिसंबर 2023 में गुना कलेक्टर बनाया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की फटकार से सुर्खियों में आए, मार्च 2024 में हटा दिए गए। सलोनी सिडाना को विधानसभा चुनाव के पहले अप्रैल 2023 में मंडला कलेक्टर बनाया। इस साल अगस्त में उन्हें भी हटाया गया। उधर, पीएस पर्यावरण गुलशन बामरा को सडक़ों से मवेशी नहीं हटाए जाने के कारण हटाया गया। संजीव कुमार झा को अप्रैल 2024 में चंबल संभाग की जिम्मेदारी दी थी। यह जिम्मेदारी उनसे बेहद कम समय में ही वापस ले ली गई। अब राजस्व मंडल के सदस्य हैं। तरुण भटनागर को 15 मार्च को मोहन सरकार ने शहडोल कलेक्टर बनाकर भेजा और पांच माह में ही वापस बुला लिया। दिनेश जैन को विधानसभा चुनाव से पहले अप्रैल 2023 में नीमच कलेक्टर बनाया। वे डेढ़ साल भी पूरा नहीं कर सके और अगस्त 2024 में हटा दिए गए।

इन जिलों के कलेक्टर अभी भी नहीं बदले

प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद जिन कलेक्टरों को अभी नहीं बदला गया है, उनमें धार, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर, देवास, आगर मालवा, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, मुरैना, भिंड, रीवा, सतना, मऊगंज, मैहर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सीहोर, रायसेन और पांढुर्णा शामिल हैं। उधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का प्रमुख एजेंडा कलेक्टरों की परफार्मेंस रिपोर्ट बताई गई है। जिसके कारण इन्हें हटाया गया है, वहीं धार्मिक और सामाजिक समरसता के कार्यों में पिछड़ रहे कलेक्टरों पर भी कार्रवाई की गई है।