मुलताई का नाम बदलकर ‘मूलताप्ती’ करने का ऐलान, सीएम मोहन यादव ने ताप्ती जन्मोत्सव पर की घोषणा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैतूल जिले की धार्मिक नगरी मुलताई को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। ताप्ती जन्मोत्सव के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब मुलताई को उसके प्राचीन और पौराणिक नाम ‘मूलताप्ती’ से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि मां ताप्ती के उद्गम स्थल के सम्मान में यह नाम परिवर्तन किया जा रहा है।

इस घोषणा के साथ ही सीएम ने क्षेत्र के विकास के लिए एक और बड़ी सौगात दी। उन्होंने कहा कि उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर मुलताई में भी ‘मां ताप्ती कॉरिडोर’ का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सरकार जल्द ही कार्ययोजना तैयार करेगी।

ताप्ती जन्मोत्सव पर मुख्यमंत्री की सौगातें

मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार को ताप्ती जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुलताई पहुंचे थे। यहां उन्होंने मां ताप्ती की पूजा-अर्चना की और चुनरी ओढ़ाकर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ताप्ती नदी सूर्यपुत्री हैं और उनका महत्व पुराणों में विस्तार से बताया गया है। मुलताई का नाम मूलताप्ती करने की मांग लंबे समय से संतों और स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही थी, जिसे अब पूरा किया जा रहा है।

“आज ताप्ती जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर मैं मुलताई का नाम बदलकर ‘मूलताप्ती’ करने की घोषणा करता हूं। यह नाम मां ताप्ती के उद्गम स्थल की गरिमा के अनुरूप होगा।” — डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री

कॉरिडोर और अन्य विकास कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुलताई में बनने वाला ताप्ती कॉरिडोर न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, उन्होंने नगर पालिका मुलताई के लिए विकास कार्यों की भी मंजूरी दी।

सीएम यादव ने यह भी उल्लेख किया कि ताप्ती नदी न केवल मध्यप्रदेश बल्कि महाराष्ट्र और गुजरात के लिए भी जीवनदायिनी है। ऐसे में इसके उद्गम स्थल का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय विधायक और सांसद सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

पहले भी बदले गए हैं नाम

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में इससे पहले भी कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदले गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में होशंगाबाद का नाम बदलकर ‘नर्मदापुरम’ और नसरुल्लागंज का नाम ‘भैरूंदा’ किया गया था। इसी कड़ी में अब मुलताई का नाम बदलकर ‘मूलताप्ती’ करने का फैसला लिया गया है, जो संस्कृति और परंपराओं को सहेजने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत किया है। उनका मानना है कि ‘मूलताप्ती’ नाम इस स्थान की भौगोलिक और आध्यात्मिक पहचान को अधिक स्पष्ट करता है। प्रशासन जल्द ही इस नाम परिवर्तन की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू करेगा।