किसानों को दलहन और तिलहन उत्पादन के लिए भी करें प्रोटेक्ट : CM Mohan Yadav

स्वतंत्र समय, भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा-प्रदेश में सोयाबीन फसल उत्पादन में बीते वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार सोयाबीन का उपार्जन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि सोयाबीन के अलावा किसानों को दलहन और तिलहन फसलों के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए किसानों के साथ चर्चा कर योजना बनाई जाएगी।

CM Mohan Yadav ने की सोयाबीन उपार्जन की समीक्षा

सीएम ( CM Mohan Yadav ) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर सोयाबीन उपार्जन की समीक्षा करते हुए यह बात कहीं। उन्होंने कहा-उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में अधिक लाभ है, इसलिए किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर प्रवृत्त किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सोयाबीन उत्पादक किसानों से उपार्जन कर उन्हें जल्द से जल्द भुगतान भी सुनिश्चित किया जाए। उपार्जन में किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई या बारदाने की समस्या न आने पाए। उपार्जित सोयाबीन का उठाव और भंडारण विधिवत तरीके से हो और उपज को ओला-पाला एवं बारिश से बचाया जाए।

ई-मंडी योजना एक जनवरी से होगी शुरू

सीएम डॉ. यादव ने कहा-ई-मंडी योजना एक जनवरी 2025 से प्रदेश की बी-क्लास की 41 मंडियों में विस्तारित की जा रही है। राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी बोर्ड) अपनी महत्वपूर्ण ई-मंडी योजना का विस्तार कर रहा है। पूर्व से ई-मंडी योजना 42 मंडियों में क्रियाशील है। मंडियों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए प्रदेश में निरंतर कार्य किया जा रहा है। ई-मंडी योजना से किसान मंडियों में अपनी उपज के विक्रय के लिए स्वयं अपनी पर्ची बना सकेंगे। मंडी ऐप से किसानों को सुविधा होगी। उन्हें उपज विक्रय के लिए या प्रवेश पर्ची के लिए लाइन में नहीं लगना होगा। ई-मंडी योजना के तहत मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्यवाही कंप्यूटराइज्ड रहेगी। मंडियों को हाईटेक बनाया जा रहा है।

सीएम ने जताया शोक कार्यक्रम स्थगित

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राज्य सरकार ने शुक्रवार को सिवनी में आयोजित स्वामित्व कार्यक्रम स्थगित कर दिया। उधर सीएम यादव ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व वित्त मंत्री जैसे कई महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन करने वाले डॉ. मनमोहन सिंह जी का हमारे बीच से चले जाना, अत्यंत कष्टकारी है। उनकी नीतियों के आधार पर भारत को नई दिशा मिली।