स्वतंत्र समय, भोपाल
सत्र 2024-25 का बजट पारित होते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) प्रदेश में निवेश लाने की तैयारी में जुट गए हैं। राजधानी में अगले साल होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर समिट में देश-विदेश के उद्योग न केवल शामिल हों, बल्कि समिट में ही निवेश करके भी जाएं। अपने इस मंतव्य को लेकर मोहन सरकार जीआईएस के पहले 13 जुलाई को मुंबई में में इंटरेक्टिव सेशन आयोजित कर उद्योगों के प्रतिनिधियों को मध्यप्रदेश में निवेश के फायदे बताएगी।
जीआईएस तैयारियों को लेकर CM Mohan Yadav का बड़ा प्लान
इस इंटरेक्टिव सेशन का पहला फायदा जबलपुर में 20 जुलाई को होने वाली इनवेस्टर मीट में महाकौशल अंचल को मिल सकता है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत मोहन ( CM Mohan Yadav ) सरकार एक और बड़ा आयोजन करने जा रही है। इसके लिए जीआईएस तैयारियों के बीच सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया है। भोपाल में अगले साल फरवरी में होने वाली जीआईएस के पहले सरकार मुंबई में डेरा डालने जा रही है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में प्रदेश सरकार एक कार्यक्रम 13 जुलाई को करने जा रही है। अपनी सरकार की औद्योगिक नीतियों को उद्योगों के साथ साझा करने के साथ ही मध्यप्रदेश में निवेश के अनगिनत फायदे भी उद्योगों के प्रतिनिधियों को बताए जाएंगे। मुंबई में होने वाले इस इंटरेक्टिव सेशन के आयोजन की जिम्मेदारी प्रदेश का औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग करेगा।
उद्योगों के सामने होगा एमपी का प्रजेंटेशन
प्रदेश में निवेश और रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से 13 जुलाई को मुंबई में हर राज्य के लिए अलग सेशन आयोजित किए जाएंगे। इस सेशन में प्रदेश सरकार के आला अधिकारी और प्रतिनिधि देश भर से आने वाले उद्योगों के प्रतिनिधियों को मध्य प्रदेश की औद्योगिक संभावनाओं, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, क्षमताओं, प्रचुर मात्रा में उपलब्ध संसाधनों, औद्योगिक वातावरण, आवागमन के पर्याप्त साधन, नीतियों के साथ नवाचार भी बताएंगे। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों व अंचलों के पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन भी तैयार किए गए हैं। इंटरेक्टिव सेशन में अधिक से अधिक उद्योग घरानों को शामिल करने के लिए मुंबई में स्थित प्रमुख व्यावसायिक संगठनों, कंपनियों से संपर्क किया गया है। इस सेशन में मध्यप्रदेश को उद्योग और निवेश क्षेत्र में अग्रणी बनाने लिए विभिन्न क्षेत्रों प्रमुख उद्योगों से सुझाव भी लिये जाएंगे। जबलपुर को मिलेगा लाभ मुंबई में होने वाले इंटरेक्टिव सेशन के एक सप्ताह बाद ही 20 जुलाई को जबलपुर में इन्वेस्टर मीट आयोजित की जाना है। जबलपुर की मीट को मुंबई के सेशन का पहला लाभ मिल सकता है। इस इनवेस्टर मीट में भी देश-प्रद्रेश के उद्योगपति जबलपुर पहुंचने वाले हैं। इसे रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव नाम दिया गया है। इस इन्वेस्टर मीट में एमएसएमई की पॉलिसी में होने वाले नए बदलावों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस मीट में सरकार द्वारा कमजोर उद्योगों की सहायता के लिए पहल कर सकती है। इस इनवेस्टर मीट का फायदा पूरे महाकौशल खासकर जबलपुर के उद्योगों को मिल सकता है।
सीएम खुद करेंगे वन टू वन
इस कार्यक्रम के सभी सत्रों में मुख्यमंत्री डॉ. यादव शामिल होंगे। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन मध्यप्रदेश, निवेश के अवसरों और संभावनाओं की जानकारी देंगे। निवेशकों को प्रदेश की प्रमुख गतिविधियां बताने के साथ ही चर्चा के कई दौर होंगे। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री के बीच वन-टू-वन मीटिंग आयोजित होगी। इस टू वे कम्युनिकेशन से प्रदेश को निवेश के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार देती है 40 फीसदी तक अनुदान
राज्य सरकार द्वारा सूक्ष्म, मध्यम और छोटे उद्योगों को अपनी एमएसएमई योजना के तहत 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक निवेश करने वाले उद्योगों को बढ़ावा देती है। इन उद्योगों को सरकार की ओर से 40 फीसदी तक अनुदान भी दिया जाता है। साथ ही सरकार विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन भी उपलब्ध कराई जाती है।