मोदी सहित भाजपा नेताओं के लिए भी CM Mohan Yadav ने मांगे वोट

स्वतंत्र समय, भोपाल

एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ( CM Mohan Yadav ) के लिए वोट मांगने वाराणसी पहुंचे मप्र के सीएम डॉ. मोहन यादव ने दूसरे दिन भाजपा के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद के समर्थन में बिहार में वोट मांगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दी गई गारंटी और महिलाओं को एक लाख रुपए दिए जाने के खटाखट-खटाखट वाले बयान में प्रधानमंत्री मोदी के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी तंज कसा है।

CM Mohan Yadav ने पाटलीपुत्र में सभा की

मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने सोमवार को बिहार के पाटलीपुत्र में लोकसभा प्रत्याशी रामकृपाल यादव के समर्थन में जनसभा की। इस मौके पर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी मौजूद थे। वहीं दूसरी सभा पटना साहिब से भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद के लिए काला दिनारा में वोट मांगे। एक दिन पहले रविवार को पीएम मोदी के लिए वाराणसी में वोट मांगे थे। सीएम यादव ने सोमवार को कहा-कांग्रेस में एक परिवार की पांच पीढ़ी हो गई प्रधानमंत्री बनते हुए। राहुल गांधी सफाई से झूठ बोल रहे थे, बाकी साथ दे रहे थे, कह रहे थे हमारी सरकार बनाओ हम गरीबी दूर कर देंगे खटाखट-खटाखट। यादव ने कहा-कांग्रेस में सोनिया गांधी ने 2004 से 2014 तक सरकार चलाई, राजीव गांधी ने 5 साल, इंदिरा गांधी ने 17 साल, जवाहर लाल नेहरू ने 18 साल सरकार चलाई है, 55 साल सरकार चली उनसे गरीबी दूर नहीं हुई, यह झूठ के पुलिंदे कहते हैं गरीबी दूर कर देंगे, जनता सब जानती है मूर्ख नहीं बनेगी। कांग्रेस के लोगों ने पांच पीढ़ी तक झूठ बोला है, दूसरे की भी अगली पीढ़ी आ गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित जितने परिवार वादी लोग हैं, इन्हें जब भी कोई बड़ा पद मिलेगा तो इनके परिवार के सदस्य को मिलेगा।

अंग्रेजों ने हमें हमारी जड़ों से काटा: मुख्यमंत्री यादव

सीएम यादव ने कहा-अंग्रेजों ने हमें हमारी जड़ों से काटा है, हमारे स्कूल कॉलेज के पाठ्यक्रम में देवी देवताओं को हटा दिया। लॉर्ड मैकाले ने 1835 में हमें हमारे देवताओं से दूर किया। लेकिन 1947 में आजादी मिलने के बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया जा सकता था, जो कांग्रेस और उनके साथियों ने नहीं किया। मैं बहुत भाग्यशाली हूं, 2020 में जब नई शिक्षा नीति आई तब मैंने कहा कि पहले अंग्रेज बाद में कांग्रेस ने हमारे देवी देवताओं को शिक्षा नीति से हटाया था। लेकिन मोदी जी के माध्यम से एक मौका मिला और अपने देवी देवताओं के प्रसंगों को पाठ्यक्रम में शामिल किया। यदि भगवान राम-कृष्ण के प्रसंगों को शामिल नहीं करेंगे तो सद्कर्म की शिक्षा संस्कार कहां से मिलेंगे। भारत का व्यक्ति दुनिया में कहीं जाए और कहे कि मैं राम-कृष्ण की धरती से आया हूं तो सब समझ जाएंगे कि यह हिंदुस्तान से आए हैं।
इन्हें श्रीकृष्ण, गीता-गौमाता से क्यों नफरत है
डॉ. यादव ने कहा-भगवान श्रीकृष्ण, गीता गौमाता से जाने क्यों विरोधियों को नफरत है, इन विषयों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए, जिस पर हमारी संस्कृति गर्व करे, जिसे सनातन संस्कृति कहते हैं। इंडी गठबंधन के लोग सनातन संस्कृति का अपमान करते है और ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते है। सनातन के इस अपमान का जवाब हमें इस चुनाव में देना है। मैं जिनके बीच आया हूं, अबकी बार तीसरी बार मौका मिल रहा है, यह भगवान श्रीकृष्ण के मुस्कराने का मौका है। सभी संकल्प कर लें और गोपाल कृष्ण को मुस्कराने का अवसर दें।