स्वतंत्र समय, भोपाल
पीएमओ ( PMO ) की तर्ज पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अपने सचिवालय को पॉवर सेंटर बना दिया है। जिसकी पूरी जिम्मेदारी एसीएस डॉ. राजेश राजौरा के हाथों में सौंपी गई है। जिस तरह पीएमओ मंत्रियों के कामकाज पर नजर रखता है, उसी तरह मप्र में भी सरकार प्रत्येक मंत्री की कार्यप्रणाली और कामों पर नजर रखेगी। इसके लिए सीएम सचिवालय में पदस्थ अफसरों के बीच कार्यों का बंटवारा भी किया गया है।
PMO की तरह देखेंगे विभागों को
सीए सचिवालय में एसीएस राजौरा को मंत्रिमंडल से जुड़े कार्य, नीतिगत निर्णय, सीएम सचिवालय में स्थापना, आंतरिक व्यवस्था, विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय पदों पर नियुक्तियां, सीएम समन्वय में किए जाने वाले तबादलों संबंधी प्रकरण, भारत सरकार में लंबित विषय, कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस आदि से जुड़े कार्यों सहित इंदौर-उज्जैन संभाग से जुड़े विभिन्न प्रशासनिक विषयों में जरूरी समन्वय करने की जिम्मेदारी दी गई हैं, वहीं पीएस संजय शुक्ला को सीएम से संबंधित कामों के अलावा जीएडी, जीएडी कार्मिक, गृह विभाग, वित्त, विधि एवं विधायी, नगरीय प्रशासन, परिवहन, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, स्वास्थ्य , वन, ऊर्जा और उद्योग सहित एमएसएमई जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भरत यादव को भारी भरकम विभागों की जिम्मेदारी
सचिव भरत यादव को सबसे ज्यादा भारी भरकम विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह को भी महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं। इनमें राघवेंद्र सिंह को स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, पर्यावरण, पर्यटन, सामाजिक न्याय, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति, श्रम, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, धार्मिक न्यास, संस्कृति और महिला बाल विकास से जुडेÞ काम दिए गए हैं, वहीं भरत यादव को सीएम की घोषणा, विभागों में लंबित मामलों से सीएम को अवगत कराना, सीएम के भ्रमण, उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ 2028 से जुड़े कार्य सहित जनसंपर्क, लोक निर्माण, पीएचई, राजस्व, वाणिज्यिक कर, खनिज, विमानन, खाद्य नागरिक आपूर्ति, सहकारिता तथा कृषि कल्याण जैसे विभागों से जुड़े काम सौंपे गए हैं। सभी पीएस, सचिव, अपर सचिव और उपसचिव अपनी फाइलें एसीएस राजौरा के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करेंगे। इस तरह सीएम सचिवालय को पावर सेंटर के रूप में तैयार किया गया है।
अगला साल उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा: सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा-आने वाले वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। बैठक में उज्जैन के विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र में पिछले छह माह में 58 इकाइयों के लिए 459.24 एकड़ भूमि प्रदान की गई।
सीएम ने ये भी निर्देश दिए…
- उद्योगों के विकास के लिए समेकित योजना तैयार करें ।
- प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रीजनल इंडस्ट्रियल कांन्क्लेव होंगी।
- प्रदेश में नए उद्योग निवेश के लिए भारत के प्रमुख नगरों में उद्योगपतियों के साथ बैठकें होंगी।
- प्रदेश में स्पेस टेक्नोलॉजी पर नेशनल कांफ्रेंस होगी।
- मेपकास्ट के साथ इसरो जैसी संस्थाओं के सहयोग से युवाओं के लिए उपयोगी उद्योग और व्यवसायिक गतिविधियां होंगी।
- प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म और नए क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा।
- आईटी क्षेत्र में रोजगार के लिए बड़ी संख्या में प्रदेश से बाहर जाते हैं युवा, उन्हें प्रदेश में ही कार्य मिल सके,ऐसे प्रयास किए जाएंगे।
- मूर्ति निर्माण,भगवान के वस्त्र तैयार करने जैसे क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ किया जाए. प्रदेश में रोजगार परक उद्योग स्थापना पर जोर दिया जाएगा।
- जनवरी 2025 में इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी करें। उज्जैन में हुई रीजनल इंडस्ट्री कांन्क्लेव-2024 की प्रगति की समीक्षा की गई।